![G7 vows to ensure Iran nuclear program remains peaceful](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
ला मालबयी: जी7 देशों के नेताओं ने अमेरिका के साथ एक संयुक्त बयान में आज संकल्प व्यक्त किया कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण बना रहे। यह बयान ऐसे वक्त आया है जब यूरोपीय गठबंधन सहयोगी ट्रंप के इस अंतरराष्ट्रीय समझौते से खुद को अलग करने के फैसले से नाराज हैं। कनाडा में हुए दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के समापन के मौके पर नेताओं ने कहा कि हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम को स्थायी तौर पर शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। (तैयब एर्दोआन ने मस्जिदों को बंद करने और इमामों को निष्कासित करने की आलोचना की )
ईरान अंतरराष्ट्रीय तौर किए गए वायदे के अनुरूप कभी भी परमाणु हथियार विकसित करने या हासिल करने की कोशिश नहीं करेगा। बयान में कहा गया है कि हम ईरान द्वारा प्रायोजित सभी आतंकी समूहों द्वारा आतंकवाद को धन मुहैया कराने की निंदा करते हैं। हम ईरान से मांग करते हैं कि वह आतंकवाद रोधी प्रयासों में योगदान दे तथा क्षेत्र में राजनीतिक समाधान , सुलह और शांति हासिल करके रचनात्मक भूमिका निभाए। जी 7 में जर्मनी , फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं। इन्होंने 2015 में अमेरिका के साथ मिलकर ईरान के साथ परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे , जिसके बाद ईरान पर से पाबंदियां हटाई गई थीं।
गौरतलब है कि, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यालय का कहना है कि उन्होंने (ट्रूडो ने) जी 7 शिखर सम्मेलन से पहले या उसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से सार्वजनिक या निजी तौर पर कोई बातचीत नहीं की है। ऐसा कहा जा रहा था कि जी 7 संवाददाता सम्मेलन में ट्रूडो के अमेरिकी राष्ट्रपति की आलोचना करने के बाद डोनाल्ड ट्र्रम्प (अमेरिकी राष्ट्रपति) ने शिखर सम्मेलन के संयुक्त बयान को खारिज कर दिया था।