संयुक्त राष्ट्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि जनभागीदारी से जनकल्याण और जनकल्याण से जगकल्याण ही हमारा प्राणतत्व है। उन्होंने कहा कि सबका साथ और सबका विकास हमारी प्रेरणा है। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि हमने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा-'ये अवसर इसलिए भी विशेष है कि महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मना रहा है.. सत्य अहिंसा का उनका संदेश आज भी प्रासंगिक है।
पीएम मोदी ने कहा- 'दुनिया के सबसे ज्यादा लोगों ने वोट देकर मुझे पहले से ज्यादा मजबूत जनादेश दिया.. इसकी वजह से मैं यहां आपके बीच हूं.. इस जनादेश से निकला संदेश ज्यादा व्यापक है.. जब एक विकासशील देश दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान सफलता पूर्वक संपन्न् करता है.. 5 साल में 11 करोड़ शौचालय बनाकर पूरी दुनिया को एक बड़ा संदेश देता है... 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रूपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देता है.. ऐसी संवेदनशील व्यवस्था पूरी दgनिया में संदेश देता है.. 5 साल में 37 करोड़ से ज्यादा गरीबों का खाता खुलता है तो पूरी दुनिया में नया संदेश जाता है।
पीएम मोदी ने नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक का जिक्र करते हुए कहा कि 'आज जब मैं इस सभा को संबोधित कर रहे हैं तब पूरा भारत सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने का बड़ा अभियान चला रहा है। 15 करोड़ घरों को पानी का कनेक्शन देने जा रहे हैं। दो करोड़ घऱों का और निर्माण करनेवाले हैं।'
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'अब सवाल है कि हम ये सब कैसे कर रहे हैं।' हमरा प्राण तत्व है जनभागीदारी से जनकल्याण और जनकल्याण से जगकल्याण.. तभी तो हमारी प्रेरणा है सबका साथ.. सबका विकास।' पीएम मोदी ने अपने हिंदी में दिये भाषण में एक तमिल कहावत का भी जिक्र किया जिसका अर्थ होता है कि हम हर जगह से जुड़े हुए हैं और हर कोई हमारा अपना है।