वॉशिंगटन: अमेरिकी सांसद रो खन्ना की तरफ से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए इस हफ्ते आयोजित एक बैठक में हुए विरोध प्रदर्शन के पीछे कार्यक्रम के आयोजकों ने हिंदू स्वयंसेवक संघ को जिम्मेदार ठहराया है। एक आयोजक ने बताया कि इस कार्यक्रम में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के 300 से अधिक सदस्य शामिल हुए। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खन्ना को समुदाय का अच्छा खासा समर्थन प्राप्त है। पहचान उजागर न करने की शर्त पर आयोजक ने आरोप लगाया कि HSS प्रदर्शनकारियों के एक छोटे समूह ने अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन पर यूक्रेन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले पर्चे बांटे।
खन्ना ने कहा, सांप्रदायिकता के आगे नहीं झुकूंगा
गौरतलब है कि बाइडेन 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रबल दावेदार हैं। आयोजक ने आरोप लगाया कि कई प्रदर्शनकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक थे। सिलिकॉन वैली से 2 बार के सांसद खन्ना ने जब कहा कि वह कभी भी कट्टरता या श्वेत राष्ट्रवाद और सांप्रदायिकता के आगे नहीं झुकेंगे और हमेशा बहुलवाद के पक्षधर रखेंगे, तो बैठक में मौजूद सभी लोगों ने खड़े होकर उनके लिए तालियां बजाईं। खन्ना के दादा गांधीवादी थे। इस कार्यक्रम में शामिल हुए IIT खड़गपुर के पूर्व छात्र चिन्मय रॉय ने कहा कि उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने से पहले प्रदर्शनकारियों से बातचीत की थी।
‘हिंदुत्व के खिलाफ नहीं हैं रो खन्ना के ट्वीट’
चिन्मय ने कहा, ‘मैंने समूह से बात की थी। उनके साथ मेरी काफी अच्छी चर्चा हुई। उनमें से ज्यादातर एचएसएस के सदस्य थे।’ साथ ही उन्होंने दावा किया कि कई प्रदर्शनकारियों को मुद्दे की जानकारी नहीं थी। रॉय ने कहा, ‘आधे से ज्यादा लोगों को रो का ट्वीट समझ नहीं आया। मैंने उनसे इसे दोबारा पढ़ने की अपील की।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सांसद के ट्वीट जिससे ज्यादातर लोग निराश हो रहें हैं, वे हिंदुत्व के खिलाफ नहीं हैं। प्रदर्शनकारियों ने एक बयान में आरोप लगाया था कि खन्ना के ट्वीट गांधी विरोधी कार्यकर्ताओं अमर शेरगिल और पीटर फ्रेडरिक को बढ़ावा देने वाले प्रतीत होते हैं।