वॉशिंगटन: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के चलते मचे हाहाकर के बीच अमेरिका से एक बड़ी खबर सामने आई है। अमेरिका ने ऐलान किया है कि वह कोरोना वायरस का इलाज करने वाली वैक्सीन बनाने के बेहद करीब पहुंच चुका है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वैक्सीन का परीक्षण शुरू हो चुका है और इसके बहुत अच्छे नतीजे आ रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब इंसानो पर भी इसका ट्रायल शुरू हो रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ट्रायल इसकी फंडिंग कर रहा है।
‘वैक्सीन के पहले चरण का परीक्षण शुरू हो चुका है’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस वैक्सीन के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘मुझे आपको ये बताते हुए खुशी हो रही है कि वैक्सीन के पहले चरण का परीक्षण शुरू हो गया है। इतिहास में पहली बार इतनी तेजी से वैक्सीन बनाया गया है। हम एंटी वायरल थेरेपी और दूसरे इलाज भी विकसित कर रहे हैं। हमारे पास शुरुआत में बहुत भरोसेमंद नतीजे आए हैं, जो इस वायरस के असर को कम कर रहे हैं। हमारी सरकार किसी भी कीमत पर वैक्सीन बनाने के लिए तैयार है और हम इसके लिए हर कोशिश कर रहे हैं।’
फिलहाल 45 नौजवानों को दी जाएगी वैक्सीन की खुराक
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस टीके का ट्रायल सिएटल के कैसर परमानेंट वॉशिंगटन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट में हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल 45 नौजवानों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। अगर यह ठीक पाया जाता है तो जल्द ही इसका इस्तेमाल व्यापक तौर पर किया जा सकता है। हालांकि अमेरिकी हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा है कि वैक्सीन को पूरी तरह से बनाने में एक साल से 18 महीने तक का वक्त लग सकता है।
जर्मनी ने ट्रंप प्रशासन पर लगाए बेहद गंभीर आरोप
इस बीच अमेरिका की कुछ कोशिशों से जर्मनी नाराज़ हो गया है और उसने ट्रंप प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि अमेरिका कोरोना वायरस के इलाज के लिए विकसित की जाने वाली दवा के लिए जर्मनी की एक कंपनी के साथ डील करने की कोशिश की थी। जर्मनी की सरकार ने शिकायत की है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक जर्मन मेडिकल कंपनी से कथित तौर पर कोरोना वायरस की वैक्सीन का विशेषाधिकार खरीदने की कोशिश की थी।
जर्मनी ने कहा, टीका पूरी दुनिया के लिए होगा
जर्मन मीडिया के मुताबिक, कोरोना वायरस की वैक्सीन का विशेषाधिकार पाने के लिए ट्रंप प्रशासन ने डील की थी। विशेषाधिकार पाने के लिए जर्मन मेडिकल कंपनी को 'मोटी रकम' देने की पेशकश की। अमेरिका की इस कथित हरकत पर जर्मन सरकार ने कहा कि वैक्सीन पूरी दुनिया के लिए होगा। जर्मनी ने यह भी दावा किया है कि वह वैक्सीन विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप ने तुबिनगेन की फार्मा कंपनी क्योरवैक को सिर्फ अमेरिका के लिए वैक्सीन सुरक्षित करने के लिए 1 अरब डॉलर की पेशकश की थी।
अमेरिका ने आरोप किए खारिज, कहा- गलत है रिपोर्ट
अमेरिकी सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विशेषाधिकार हासिल करने की रिपोर्ट को जरूरत से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। अमेरिकी सरकार ने वैक्सीन बनाने का दावा करने वाली कई कंपनियों से बातचीत की है और कई कंपनियां अमेरिकी निवेशकों से फंड भी हासिल कर चुकी हैं। अमेरिकी अधिकारी इस बात को खारिज कर रहे हैं कि अमेरिकी वैक्सीन को केवल अपने लिए सुरक्षित करना चाहता है। दूसरी तरफ जर्मनी ने भी साफ कर दिया है कि जब भी दवा बनेगी पूरी दुनिया के लिए बनेगी, और जर्मन वैज्ञानिकों की रिसर्च को कोई सिर्फ अपने लिए नहीं खरीद सकेगा।