वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान के पूर्व चेयरमैन पॉल मैनफोर्ट की जांच कर रहे संघीय एजेंटों से झूठ बोलने वाले डच अटॉर्नी को आज 30 दिन जेल की सजा सुनाई गई। रूसी जांच के मामले में यह अब तक की पहली सजा है। डच अटॉर्नी एलेक्स वान देर ज्वान पर 20,000 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है। अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट जज एमी बर्मन जैक्सन ने वान देर ज्वान से कहा, ‘‘ ये गलतियां नहीं थीं। ये झूठ थे।’’ (इस काम के पूरा होते ही सीरिया से अपनी सेना को वापस बुला लेंगे ट्रंप )
ज्वान के खिलाफ आपराधिक मामला रूस के चुनावी हस्तक्षेप से सीधे जुड़ा नहीं है लेकिन इसने मैनफोर्ट के खिलाफ सरकारी मामले के बारे में नई जानकारियों का खुलासा किया। इस मामले ने रिक गेट्स समेत ट्रंप के चुनाव प्रचार के वरिष्ठ सहायकों और रूस के बीच संबंधों का भी खुलासा किया।
पिछले सप्ताह सरकार ने खुलासा किया था कि ज्वान और गेट्स ने एक व्यक्ति के साथ 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान बात की थी। गेट्स ने पहले बताया था कि इस व्यक्ति के रूस की सैन्य खुफिया एजेंसी से संबंध हैं।