नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दवा को लेकर अमेरिका से बड़ी खबर सामने आयी है। इस वायरस के खिलाफ जंग में एंटी वायरल दवा रेमडेसिवियर को लेकर अब तक जो परिणाम सामने आए हैं, वह संकट के इस दौर से गुजर रहे दुनिया के लिए राहत की खबर है। अमरीका के फ़ूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए रेमडेसिवियर के इस्तेमाल को आपातकालीन मंज़ूरी दे दी है। ये जानकारी ख़ुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दी है। ट्रंप के मुताबिक़ ये दवा बनाने वाली कंपनी गिलियाड के सीईओ ने एफ़डीए के फ़ैसले को पहला महत्वपूर्ण कदम बताया है और रेमडेसिवियर की 10 लाख शीशियां दान करने का वादा किया है।
अमरीका में हुए रेमडेसिवियर के एक ट्रायल में पता चला था कि इससे कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण 15 दिनों के बजाय 11 दिनों में ही दिखने लगते हैं। हालांकि चीन में हुए एक अध्ययन के अनुसार इस दवा का कोरोना संक्रमण मामलों में कोई फ़ायदा नहीं होता। रेमडेसिवियर एक एंटी वायरल दवा है जिसे मूल रूप से इबोला के इलाज के लिए विकसित किया गया था।
इस साल की शुरुआत में ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, करीब एक दशक पहले इबोला के इलाज के लिए विकसित रेमडेसिवियर, कई सारे वायरस के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है। 'न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित एक अन्य रिसर्च के अनुसार, अमेरिकन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की सलाह पर कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति को रेमडेसिवियर दिया गया और उसकी हालत में 24 घंटे के भीतर सुधार होने लगा।
अस्पताल ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 के साथ सबसे चुनौतीपूर्ण बात यह है कि वह मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद जिस तरीके से अपनी संख्या में वृद्धि करता है। उसमें कहा गया है, इसी तरह कोविड-19 को अगर शुरुआती चरण में नहीं रोका गया तो वह व्यक्ति में श्वसन संबंधी परेशानी खड़ी कर सकता है और उसे वेंटिलेटर पर जाने को मजबूर कर सकता है। रेमडेसिवियर ने मानव के भीतर कोरोना वायरस की वृद्धि को रोकने की क्षमता प्रदर्शित की है।