विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम गरीबी से लड़ रहे हैंं लेकिन हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान हमसे लड़ रहा है। सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अब्बासी के भाषण की जमकर आलोचना की। इससे पहले अपने भाषण की शुरुआत करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि पिछले साल भी सभा को संबोधित किया था, एक साल में अनेक परिवर्तन हुए हैं।हिंसा की घटनाएं निरंतर फैल रही है।जलवायु परिवर्तन की चुनौती हमारे सामने है।विभिन्न कारणों से लोगों का पलायन चिंता का विषय है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों को शक्तिशाली बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की है। जनधन योजना से हर व्यक्ति का बैंक में खाता खोला गया। मुद्रा योजना के जरिए बेरोजगारी पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। उज्जवला योजना के जरिए महिला सशक्तिकरण की कोशिश की जा रही है।
प्रधानमंत्री अब्बासी के भाषण का हवाला देते हुए सुषमा ने कहा कि पाकिस्तानी नेता ने भारत पर आरोप लगाने में बहुत अधिक समय जाया कर दिया। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की ओर से शांति और मित्रता की बुनियाद पर विदेश नीति तामीर किए जाने के अब्बासी के दावे पर सुषमा ने कहा कि वह नहीं जानतीं कि जिन्ना ने किन सिद्धांतों की पैरवी की थीं, लेकिन इतना जरूर कह सकती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पदभार संभालने के बाद शांति और दोस्ती का हाथ बढ़ाया। उन्होंने कहा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को यह जवाब देना चाहिए कि आपके देश ने इस प्रस्ताव को क्यों ठुकराया।
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सुषमा ने अब्बासी को याद दिलाया कि नौ दिसंबर, 2015 को हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के लिए जब वह इस्लामाबाद पहुंची थीं तब तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने फैसला किया था कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत बहाल करनी चाहिए और इसे समग्र द्विपक्षीय वार्ता नाम दिया। अब्बासी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के पुराने प्रस्तावों का उल्लेख किए जाने पर सुषमा ने कहा, वह भूल गए कि शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र में इसका संकल्प लिया गया था कि दोनों देश लंबित मुद्दों का द्विपक्षीय ढंग से समाधान करेंगे। वास्तविकता यह है कि पाकिस्तानी नेता सबकुछ अपनी सुविधा के अनुसार याद रखते हैं। वे तथ्यों को भूल जाने के मास्टर हैं और यही उनके पक्ष को नष्ट कर देता है।
सुषमा स्वराज के भाषण के मुख्य अंश
- हम तो गरीबी से लड़ रहे हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान हमसे लड़ रहा है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने शांति के लिए दोस्ती का हाथ बढ़ाया। हमने पूरी कोशिश की दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा रोड़ा अटकाया।
- भारत-पाक साथ-साथ आजाद हुए, भारत की पहचान आईटी के विशेषज्ञ के तौर पर है जबकि पाकिस्तान की पहचान दहशतगर्द राष्ट्र के रूप में है।
- 70 वर्ष के दौरान कई सरकार आई लेकिन पाकिस्तान की तरफ से मिल रही आतंकवाद की चुनौतियों के बीच हमने विकास किया।
- हमने आईआईटी आईआईएम जैसे संस्थान बनाए पाकिस्तान ने लश्कर, हक्कानी जैसे दहशतगर्द और जिहादी पैदा किए।
- डॉक्टर मरते हुए लोगों की जिंदगी बचाते हैं...दहशतगर्द जिंदा लोगों को मारते हैं।
- पाक जो पैसा आंतकवादियों के लिए खर्च कर रहे हो वह पैसा देश की तरक्की के लिए खर्च करो तो उससे आपके मुल्क का विकास हो सकेगा।
- हम केवल अपने सुख की कामना नहीं करते हैं। हम सभी के सुख कामना करते हैं।