तेहरान/वॉशिंगटन: ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने बेहद सख्त लहजे में चेताया है कि उनका देश अपनी मर्जी से जितनी मात्रा में चाहे, यूरेनियम का संवर्धन करेगा और यह काम रविवार से शुरू हो रहा है। रुहानी के इस बयान से परमाणु समझौते में शामिल रहे अमेरिका के अलावा अन्य देशों पर समझौते को बचाने और अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच से रास्ता निकालने को लेकर दबाव और बढ़ गया है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति रुहानी की यह चेतावनी और 2015 में हुए समझौते में तय संवर्धित यूरेनियम की मात्रा से ज्यादा की देश में मौजूदगी का अर्थ है कि ईरान एक वर्ष से भी कम समय में परमाणु हथियार बनाने जितना यूरेनियम एकत्र कर लेगा। हालांकि ईरान का कहना है कि वह हथियार नहीं बनाना चाहता और ना ही किसी के साथ युद्ध चाहता है, लेकिन 2015 के समझौते का लक्ष्य ईरान को परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल करने से रोकना था।
परमाणु समझौते से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हटने, ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने, उससे तेल खरीदने वाले देशों के खिलाफ प्रतिबंध की धमकी देने और ईरान की सीमा में निगरानी ड्रोन भेजे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है।
इस बीच रुहानी की चेतावनी के जवाब में ट्रंप ने ट्वीट किया है ‘‘ ईरान को धमकी देते हुए सतर्क रहना चाहिए क्योंकि इसके परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं। इतने गंभीर, जितना पहले कभी नहीं थे।’’
परमाणु समझौते के अनुसार, ईरान 3.67 प्रतिशत यूरेनियम का संवर्धन कर सकता है जो परमाणु बिजली संयंत्रों के लिए पर्याप्त है। लेकिन हथियार बनाने के लिए संवर्धन 90 प्रतिशत होना चाहिए। साथ ही समझौते में कहा गया था कि ईरान 300 किलोग्राम से ज्यादा यूरेनियम का भंडारण नहीं करेगा।
बहरहाल, अमेरिका के समझौते से अलग हो जाने और ईरान के खिलाफ फिर से कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बाद ईरान ने यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम फिर से शुरू कर दिया है। रुहानी ने कहा था, ‘‘सात जुलाई से यूरेनियम संवर्धन का स्तर 3.67 प्रतिशत नहीं रहेगा।’’