वाशिंगटन: अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने की तैयारियों के बीच एशिया के कुछ देश हर घटनाक्रम पर बड़ी उत्सुकता से नजर बनाए हुए हैं, लेकिन इस क्षेत्र में एक बड़ी ताकत के तौर पर स्थापित हो चुका भारत वाशिंगटन में सत्ता परिवर्तन को द्विपक्षीय संबंधों के मजबूत होने के अवसर के तौर पर देख रहा है।
अपने प्रखर चुनावी अभियान के दौरान ट्रंप ने कई विदेशी साझेदारों को लेकर बहुत नकारात्मक बातें की थीं, लेकिन भारत, विशेषकर हिंदू समुदाय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में उन्होंने सकारात्मक बातें कीं। पिछले महीने न्यू जर्सी में भारतीय-अमेरिकी लोगों की रैली में ट्रंप ने कहा था, हमसे महत्वपूर्ण कोई दूसरा संबंध नहीं होगा। नौकरशाही में सुधार और आर्थिक प्रगति को लेकर मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने उनको महान व्यक्ति करार दिया था।
समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट ने चुनाव से पूर्व ट्रंप के वित्तीय लेनदेन के बारे में खबर छापी थी जिसमें कहा गया था कि ट्रंप के 111 अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक सौदों में सबसे अधिक 16 सौदे भारत में हुए हैं। ट्रंप ने कल दक्षिणी कैरोलिना प्रांत की भारतीय मूल की गवर्नर निक्की हेली को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत नामित किया