वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि उनकी ‘जल्द ही’ तालिबान के नेताओं से मुलाकात करने की योजना है। साथ ही उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध कोई और लड़े, खासतौर से उस क्षेत्र के देश यह लड़ाई लड़ें। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा, ‘मैं जल्द ही तालिबान के नेताओं से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात करूंगा। हम उम्मीद कर रहे हैं कि उन्होंने जो कहा वे उस पर अमल करेंगे, वे आतंकवादियों का खात्मा करेंगे। वे कुछ बहुत बुरे लोगों का खात्मा करेंगे। वे इस लड़ाई को जारी रखेंगे।’
अफगानिस्तान में हैं अमेरिका के 13 हजार सैनिक
ट्रंप ने कहा, ‘हमें अफगानिस्तान में आतंकवादियों का सफाया करने में बड़ी सफलता मिली लेकिन इतने वर्षों के बाद अब वक्त आ गया है कि अपने लोगों को घर वापस लाया जाए। हम अपने लोगों को घर लाना चाहते हैं।’ उनका यह बयान तब आया है जब कुछ घंटों पहले अमेरिका और तालिबान ने दोहा में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत अमेरिका 14 माह के अंदर अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुला लेगा। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को हर चीज की जानकारी दी गई है। अफगानिस्तान में अभी अमेरिका के करीब 13,000 सैनिक हैं।
‘हमने हजारो IS आतंकियों को मार गिराया है’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अफगानिस्तान में बहुत लंबा सफर रहा। उन्होंने कहा, ‘यह बहुत लंबा सफर रहा। हर किसी के लिए यह मुश्किल सफर रहा। हम व्यापक तौर पर कानून प्रवर्तक समूह हैं। हमारे सैनिक लड़ाके हैं। वे दुनिया के सबसे महान योद्धा हैं। हमने सीरिया तथा इराक में IS को 100 फीसदी तबाह कर दिया। हमारे पास हजारों कैदी हैं। हमने हजारों IS आतंकियों को मारा और ऐसा ही अफगानिस्तान में किया। लेकिन अब वक्त है कि कोई और यह काम करे और यह तालिबान होगा तथा आसपास के देश होंगे। अफगानिस्तान के आसपास कई देश हैं जो मदद कर सकते हैं। हम 8,000 मील दूर हैं।’
‘कुछ दिक्कत हुई तो हम वापस आ जाएंगे’
ट्रंप ने कहा, ‘हम क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या 8,000 से 8,600 तक कम कर रहे हैं और फिर हम भविष्य में सही वक्त आने पर अंतिम निर्णय लेंगे। यह बहुत ही साहसी समझौता है। काफी बातचीत की गई। वे कई वर्षों से इसे करना चाह रहे थे। अगर कुछ खराब होता है तो हम वापस जाएंगे। मैं लोगों को बता दूं कि हम वापस जाएंगे और हम इतनी तेजी से वापस जाएंगे तथा इतने सैनिकों के साथ वापस जाएंगे कि किसी ने कभी नहीं देखा होगा। मुझे उम्मीद है कि इसकी जरूरत न पड़ें।’
‘तालिबान यह समझौता चाहता था’
एक सवाल का जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा कि तालिबान यह समझौता चाहता था। उन्होंने कहा, ‘तालिबान यह चाहता था। राष्ट्रपति अशरफ गनी इसमें काफी हद तक शामिल रहे जैसा कि आप जानते ही हैं और अब वह तालिबान से बातचीत कर रहे हैं। हम देखेंगे कि समझौते पर कैसे अमल होता है। हमें उम्मीद है कि इस पर अच्छी तरह से अमल होगा। मुझे लगता है कि यह करने में उनका बड़ा फायदा है लेकिन उन्हें आतंकवादियों का खात्मा करना होगा। हमने आतंकवाद के संबंध में जो काम किया, वह बेहद शानदार है तथा अब वक्त है कि हमारे लोग घर लौटें।’