वॉशिंगटन: इस समय सारी दुनिया की नजरें अमेरिका और ईरान के बीच दिनोंदिन बिगड़ते रिश्तों पर हैं। इन दोनों ही देशों के रिश्ते इस कदर बिगड़ गए हैं कि बयानबाजी में युद्ध शब्द का इस्तेमाल लगातार होने लगा है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि उनके देश ने ईरान से बातचीत की कोई पेशकश नहीं की है। बातचीत की पेशकश वाली खबरों को झूठा बताते हुए ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान वार्ता चाहता है तो पहला कदम उसे उठाना होगा।
ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘फेक न्यूज ने बिना किसी सूचना के एक झूठा बयान प्रसारित किया है कि अमेरिका ईरान के साथ वार्ता की कोशिश कर रहा है। यह झूठी खबर है। ईरान को जब लगेगा कि वह तैयार है, वह हमें बुलाएगा। इस बीच उनकी अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है, ईरान के लोगों के लिए बहुत दुखद है।’ इससे पहले ट्रंप ने ईरान को आधिकारिक रूप से तबाह करने की धमकी दी थी। ट्रंप का यह बयान ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर हुसैन सलामी के उस बयान के कुछ घंटों बाद आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान को युद्ध से डर नहीं लगता लेकिन अमेरिका को लगता है।
सलामी ने एक सैन्य समारोह में अपने भाषण के दौरान कहा था कि तेहरान युद्ध नहीं चाहता है लेकिन वह उससे डरता भी नहीं है, वहीं अमेरिका युद्ध से डरता है और उसमें युद्ध करने की संकल्प-शक्ति नहीं है। सलामी के इस बयान के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रविवार को ट्वीट किया, ‘यदि ईरान लड़ना चाहता है, तो यह ईरान का आधिकारिक अंत होगा। अमेरिका को फिर कभी धमकी मत देना।’ अमेरिका ने ‘ईरान से खतरों’ के मद्देनजर खाड़ी में एक विमानवाहक पोत और बी-52 बमवर्षक तैनात किए हैं।