वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरिया के साथ निर्धारित शिखर वार्ता ना होने पर अमेरिका अगला कदम उठाएगा। साथ ही उन्होंने दोनों नेताओं के बीच होने वाली ऐतिहासिक वार्ता पर प्योंगयांग के रुख बदलने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है। सिंगापुर में ट्रंप और किम के बीच होने वाली शिखर वार्ता पर अब भी संदेह के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि उत्तर कोरिया ने मंगलवार को अमेरिका पर एकतरफा परमाणु निरस्त्रीकरण का आरोप लगाते हुए 12 जून को होने वाली वार्ता से पीछे हटने की धमकी दी थी। प्योंगयांग ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच सैन्य अभ्यासों पर भी आपत्ति जताई है।
ट्रंप ने ओवल कार्यालय में कहा,‘हम देखेंगे की क्या होता है। अगर बैठक हुई तो हुई और अगर नहीं हुई तो हम अगला कदम उठाएंगे।’ किम को तसल्ली देने के लिए ट्रंप ने उन्हें सत्ता में रहने के लिए परमाणु हथियार त्यागने का प्रस्ताव दिया साथ ही धमकी भी दी थी कि कूटनीति विफल होने पर लीबिया जैसे हालात पैदा हो सकते हैं और उत्तर कोरियाई नेता का वही हश्र हो सकता है जैसा मुअम्मार अल-गद्दाफी का हुआ था। गद्दाफी को सत्ता से हटा उनकी हत्या कर दी गई थी। उत्तर कोरिया के अचानक शिखर वार्ता को लेकर रुख बदलने के सवाल पर ट्रंप ने कहा कि उनके चीन से मुलाकात करने के बाद ‘चीजें अचानक’ बदल गईं।
शी और किम के बीच 2 माह के भीतर 2 बार बैठक करने के सवाल पर ट्रंप ने कहा,‘यह हो सकता है कि चीनी राष्ट्रपति किम को प्रभावित कर रहे हैं। हम देखेंगे की क्या होता है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग किम जोंग-उन को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन हम देखेंगे क्या होता है।’ किम के साथ मुलाकात करने के सवाल पर उन्होंने कहा,‘मुझे सच में नहीं पता, नहीं। मैं सभी को संदेह का लाभ देना चाहूंगा। मैं बस यही कह सकता हूं कि अभी हमारे लोग बैठक की व्यवस्था करने के लिए उनके साथ काम कर रहे हैं। जो आप पढ़ते हैं उसमें काफी अंतर है लेकिन कई बार आप जो पढ़ते हैं वह फर्जी नहीं होता, वह सत्य होता है। इसलिए हम देखेंगे की क्या होता है।’