वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्राइल द्वारा जंग में कब्जे में लिए गए सीरियाई इलाके को मान्यता दे दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को विवादित गोलन हाइट्स पर इस्राइल की संप्रभुता को मान्यता देने से जुड़ी घोषणा पर हस्ताक्षर कर दिए। इसके साथ ही इस इलाके पर इस्राइल के कब्जे को अमेरिका की आधिकारिक मान्यता मिल गई। ट्रंप के इस फैसले की दुनिया के कई देशों ने तीखी आलोचना की है। आपको बता दें कि इस्राइल ने 1967 की जंग में इस सीमावर्ती क्षेत्र को सीरिया से छीन लिया था।
व्हाइट हाउस में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ ट्रंप ने कहा, ‘यह फैसला लेने में काफी समय लग गया।’ अमेरिका के इस क्षेत्र पर इस्राइल के नियंत्रण को मान्यता देने से दशकों से इस मुद्दे पर चली आ रही अंतरराष्ट्रीय सर्वसम्मति बाधित हुई है। ट्रंप के इस कदम पर सीरिया ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के पास इस कब्जे को जायज ठहराने का अधिकार नहीं है। सीरिया ने कहा कि यह कदम उसकी संप्रभुता पर तीखा हमला है।
सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी सना के अनुसार विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, ‘सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर एक तीखा हमला कर अमेरिका के राष्ट्रपति ने सीरिया के गोलन क्षेत्र के विनाश को मान्यता दी है। ट्रंप के पास इस कब्जे को जायज ठहराने का अधिकार और कानूनी शक्ति नहीं है।’ वहीं, अरब लीग ने ट्रंप के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि उनके मान्यता देने से इलाके की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आएगा। ट्रंप के फैसले की यूके, फ्रांस और जर्मनी की सरकारों ने भी आलोचना की है।
सीरिया से छीनी गई जमीन पर ट्रंप ने दिलवाया इस्राइल को कब्जा, भड़के अरब देश