वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान के मुद्दे पर मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ईरान की हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उसकी हरकतों से पश्चिमी एशिया में शांति नहीं आएगी। ट्रंप ने सात जनवरी की रात को ईराक में अमेरिकी एयरबेस पर हुए ईरानी हमले को लेकर कहा कि हमले में किसी भी अमेरिकी को कोई नुकसान नहीं हुआ। सभी अमेरिकी सैनिक सुरक्षित हैं। हमारे सिक्योरिटी सिस्टम से पहले ही हमले की सूचना हमें मिल गई थी।
"मैं राष्ट्रपति हूं ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने दूंगा"
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जब तब मैं राष्ट्रपति हूं ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने दूंगा। उन्होंने ईरानी जनरल सुलेमानी के बारे में कहा कि सुलेमानी को पहले ही मारना चाहिए था। मैंने उसे मारने का आदेश दिया। सुलेमानी नए हमलों की तैयारी कर रहा था। लेकिन, हमने उसे रोक दिया। सुलेमानी ने आतंकियों को ट्रेनिंग दी थी। उसके हाथ खून से रंगे थे। सुलेमानी को मारकर हमने आतंकवाद को करारा संदेश दिया है।
पहले चेतावनी, फिर शांति की पेशकश
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की फौज बहुत ताकतवर है। हमने बगदादी को मारकर दिखाया। इसके साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यूके, जर्मनी, फ्रांस, रशिया और चीन के लिए समय आ गया है कि वह ईरान को हकीकत को जानें। ट्रंप ने कहा कि हमें दुनिया को सिरक्षित और ज्यादा शांतिपूर्ण जगह बनाने के लिए साथ काम करना चाहिए। इसी के साथ डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में ईरानी नेतृत्व और लोगों से यह भी कहा कि "हम आपके (ईरान) लिए अच्छा भविष्य चाहते हैं। अमेरिका शांति चाहता है।"
ट्रंप के बयान के बाद घटे कच्चे तेल और सोने के दाम
ट्रंप के इस बयान से शायद विदेशी बाजार को संकेत मिला है कि अमेरिका और ईरान में तनाव कुछ कम हो सकता है। इसीलिए, ट्रंक के बयान के बाद से विदेशी बाजार में कच्चे तेल और सोने की कीमतों में भारी गिरावत आई है। विदेश बाजार में WTI क्रूड का भाव 4 प्रतिशत से ज्यादा घटकर 60 डॉलर प्रति बैरल के नीजे आ गया है। वहीं, सोने की कीमतों में 17 डॉलर प्रति ओंस से ज्यादा की गिरावट आई है। इसी के साथ भाव घटकर 1557 डॉलर प्रति ओंस तक आ गया है।
अमेरिका का हमला, ईरान का बदला
दरअसल, तीन जनवरी को इराक में अमेरिका ने कार्रवाई कर ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था, जिसका बदला ईरान ने सात जनवरी की रात को इराक में अमेरिकी एयरबेस पर अटैक करके लिया। इन दोनों ही घटनाओं ने अमेरिका और ईरान के बीच के तनाव को अलग स्तर पर पहुंचा दिया है। जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
ईरान के सरकार टीवी का दावा झूठा
ट्रंप की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ईरान ने अपने हमले को ‘‘अमेरिका के चेहरे पर तमाचा’’ बताया था। ईरान के सरकारी टीवी के मुताबिक, यह हमला ईरान की शक्तिशाली रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की शुक्रवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत का बदला लेने के लिए किया गया था। उसके दावा किया था कि ईरानी हमले में ‘‘कम से कम 80 आतंकवादी अमेरिकी सैनिक’’ मारे गए। हालांकि, ट्रंप ने साफ कहा कि ईरानी हमले में किसी अमेरिकी का जान नहीं गई।