वाशिंगटन: अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ी खबर देते हुए आज बताया कि हमें कोरोना वायरस वैक्सीन बस कुछ हफ्तों में मिलने वाली है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस वायरस के कारण मौत का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। अमेरिका सहित कई देश इस वायरस की काट के लिए वैक्सीन को बनाने में लगे है। हालांकि अभी तक रूस ने ही इसमें सफलता हासिल करने का दावा किया है। अब उसके बाद अमेरिका भी कुछ हफ्तों में वैक्सीन लाने की बात अब कर रहा है। अगर ऐसा हो जाता है तो आने वाले समय में करोड़ों लोगों को इससे फायदा होने वाला है।
ऑक्सफोर्ड, एस्ट्राजेनेका ने कोविड-19 के टीके का परीक्षण किया बहाल
इसके अलावा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और औषधि कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोरोना वायरस का टीका विकसित करने के लिए ब्रिटेन में परीक्षण को फिर से बहाल कर दिया गया है। औषधि क्षेत्र के नियामक एमएचआरए द्वारा परीक्षण को सुरक्षित बताए जाने के बाद यह परीक्षण बहाल किया गया है। पिछले दिनों परीक्षण के दौरान एक मरीज में टीके का दुष्प्रभाव सामने आने के बाद इसे रोक दिया गया था।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका ने कहा कि वे चिकित्सा संबंधी सूचनाओं का खुलासा नहीं कर सकते लेकिन पुष्टि करते हैं कि स्वतंत्र जांच में परीक्षण को सुरक्षित बताया गया। एस्ट्राजेनेका ने एक बयान में कहा, ‘‘ एमएचआरए द्वारा परीक्षण को सुरक्षित बताए जाने के बाद एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड ने ब्रिटेन में कोरोना वायरस के टीके ‘एजेड1222’ के परीक्षण को बहाल कर दिया है।’’
एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि वह अपने अध्ययन में सर्वश्रेष्ठ मानकों को अपनाते हुए भागीदारों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। एस्ट्राजेनेका ने कहा, ‘‘कंपनी दुनिया भर में स्वास्थ्य प्राधिकारों के साथ काम जारी रखेगी और उन्हें बताएगी कि अन्य परीक्षणों को कब बहाल किया जा सकता है।’’ दुनियाभर में इस टीके के परीक्षण को छह सितंबर को रोक दिया गया था और मानक समीक्षा प्रक्रिया शुरू की गयी।
इस संबंध में ब्रिटेन की कमेटी ने अपनी जांच पूरी कर ली और एमएचआरए को ब्रिटेन में परीक्षण को बहाल करने के लिए सुरक्षित बताया। कंपनी ने कहा कि परीक्षण में शामिल सभी अनुसंधानकर्ताओं और भागीदारों को प्रासंगिक सूचनाओं से अवगत कराया जाएगा । टीका विकसित करने के लिए औषधि कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ करार किया है। इसी के तहत कोरोना वायरस का टीका विकसित करने का काम चल रहा है । पहले और दूसरे दौर के परीक्षण में पाया गया कि सकारात्मक नतीजे मिले हैं और टीका की बदौलत मरीज में मजबूत एंटीबॉडी भी तैयार हुई।