वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की सोमवार को पेशकश की। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से व्हाइट हाउस में ट्रंप से पहली बार मुलाकात की। ट्रंप ने कहा कि यदि दोनों देश कहेंगे तो वह मदद के लिए तैयार हैं। ट्रंप ने ओवल ऑफिस में कहा, ‘‘यदि मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं एक मध्यस्थ होना पसंद करूंगा।’’
खान ने ट्रंप के बयान का स्वागत किया और कहा कि यदि अमेरिका सहमत है, तो एक अरब से अधिक लोगों की प्रार्थना उनके साथ होगी। भारत का कहना है कि कश्मीर मुद्दा एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। भारत जनवरी 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं कर रहा है। भारत का कहना है कि आतंकवाद और वार्ता साथ साथ नहीं चल सकते।
खान के साथ पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित अन्य व्यक्ति थे। इस वर्ष के शुरू में कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किये गए विस्फोट में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया। बढ़ते आक्रोश के बीच भारतीय वायुसेना ने एक आतंकवाद निरोधक अभियान चलाते हुए 26 फरवरी को पाकिस्तान के भीतर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया था।