वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सत्ता के दुरुपयोग तथा कांग्रेस में अवरोध डालने के आरोपों में महाभियोग पर मतदान से पहले बुधवार को प्रतिनिधि सभा में बहस शुरू हुई। डेमोक्रेटों के नियंत्रण वाली प्रतिनिधि सभा द्वारा ट्रंप पर महाभियोग की कार्यवाही पूरे दिन चल सकती है, जिसके बाद सीनेट में सुनवाई होगी। सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत प्राप्त है और वहां देश के 45वें राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए मतदान होने की संभावना नहीं लगती। खबर लिखे जाने तक प्रतिनिधि सभा में बहस जारी थी।
सभी शुरू होने से पहले ही ट्रंप ने छह पन्नों के अपने संदेश में लिखा कि जब मतदाता अगले साल मतदान करेंगे तब डेमोक्रेटों को अपनी कोशिशों पर पछतावा होगा। डेमोक्रेट सांसद बुधवार को ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के दो आरोपों को मंजूरी दे सकते हैं। प्रतिनिधि सभा की न्यायिक समिति ने घंटों तक बहस के बाद पिछले सप्ताह ट्रंप के खिलाफ दो आरोपों को मंजूरी दी थी। पहला सत्ता का दुरुपयोग है जिसमें ट्रंप पर यूक्रेन पर 2020 के आम चुनावों में उनके संभावित राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन को बदनाम करने के लिए दबाव बनाने का आरोप है।
दूसरा आरोप ट्रंप पर महाभियोग मामले में सदन की जांच में सहयोग नहीं करने का है। ट्रंप (73) अगले महीने सीनेट में सुनवाई का सामना कर सकते हैं, लेकिन गौरतलब है कि निचले सदन में रिपब्लिकन का नियंत्रण है तथा ट्रंप भी रिपब्लिकन नेता हैं। ट्रंप को भरोसा है कि डेमोक्रेटों को उन्हें पद से हटाने के लिए जरूरी दो तिहाई सीनेटरों का समर्थन नहीं मिलेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘वे केवल राष्ट्रपति पर प्रभुत्व दिखाना चाहते हैं। उनका उचित जांच का कोई इरादा नहीं है। वे कोई अपराध नहीं खोज सके इसलिए सत्ता और कांग्रेस के दुरुपयोग का अस्पष्ट सा आरोप लगा दिया।’’ उन्होंने जोर दिया कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और चरमपंथी वाम पक्ष उन पर महाभियोग चलाना चाहता है।
ट्रंप ने कहा, ‘‘किसी और राष्ट्रपति के साथ यह नहीं होना चाहिए। दुआ कीजिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि महाभियोग को फिर कभी इतने हल्के में नहीं लिया जाएगा।’’ ट्रंप ने मंगलवार को स्पीकर पेलोसी को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘ महाभियोग डेमोक्रेट सांसदों के शक्ति के अप्रत्याशित एवं असंवैधानिक दुरुपयोग को दर्शाता है। अमेरिकी विधायी इतिहास की लगभग ढाई शताब्दी में कभी ऐसा नहीं हुआ।’’
प्रतिनिधि सभा की न्यायिक समिति द्वारा पेश महाभियोग के अनुच्छेदों को संवैधानिक सिद्धांत, व्याख्या या न्यायशास्त्र के किसी भी मानक के तहत अयोग्य बताते हुए ट्रम्प ने कहा कि इसमें किसी अपराध, दुष्कर्म और किसी अपराध का जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ अवैध महाभियोग की प्रक्रिया शुरू कर आप अपने पद की शपथ का उल्लंघन करेंगी, आप संविधान के प्रति अपनी निष्ठा को खत्म कर रही हैं और आप अमेरिकी लोकतंत्र में खुले आम युद्ध की घोषणा कर रही हैं।’’ ट्रम्प ने कहा कि महाभियोग की इस प्रक्रिया की शुरुआत से अभी तक वह बुनियादी संवैधानिक अधिकार से वंचित रहे हैं।
(Input-Bhasha)