वाशिंगटन:अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई सीनेट के समक्ष शुरू हो गई। उनके खिलाफ दूसरी बार महाभियोग की कार्यवाही शुरू हुई है। ऐसी कार्यवाही का सामना करने वाले वह पहले पूर्व राष्ट्रपति हैं। महाभियोग के तहत उन पर राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को पलटने के लिए छह जनवरी को अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) में दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है। ट्रंप के वकीलों की दलील है कि पूर्व राष्ट्रपति ने समर्थकों की रैली को संबोधित करने के दौरान लोगों को दंगे के लिए नहीं भड़काया। सुनवाई के मद्देनजर कैपिटल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है।
पढ़ें- खुशखबरी! इस रूट पर अब बढ़ जाएगी ट्रेनों की रफ्तार, सफर होगा और आसान
ट्रंप के वकीलों की दलील यह भी है कि उन्हें संविधान के पहले संशोधन के तहत संरक्षण मिला हुआ था। साथ में उन्होंने यह भी कहा है कि ट्रंप पर महाभियोग चलाना असंवैधानिक है, क्योंकि वह अब पद पर नहीं है। वकीलों की दलील है कि संविधान साधारण नागरिक के खिलाफ महाभियोग चलाने की शक्ति नहीं देता है। किसी भी गवाह को बुलाए जाने की संभावना नहीं है। ट्रंप ने भी गवाही में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
पढ़ें:- लाल किले पर हिंसा का आरोपी दीप सिद्धू गिरफ्तार, एक लाख का था इनाम
वकीलों ने जोर देकर कहा कि महाभियोग में दोषी साबित होने के बाद बचाव पक्ष (ट्रंप) को पद से हटाना होता है। लेकिन ट्रंप अब व्हाइट हाउस में नहीं हैं, इसलिए ऐसे मुकदमे का कोई कानूनी आधार नहीं है। डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों का कहना है कि पद से हटने वाले लोगों के आचरण के खिलाफ महाभियोग चलाने की ऐतिहासिक मिसालें हैं जिन्होंने पद पर रहते हुए कोई कृत्य किया है। हालांकि यह राष्ट्रपति को लेकर नहीं हैं। ट्रंप के वकीलों ने संकेत दिया है कि वे उनके बचाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों का उल्लेख करेंगे। दलीलें रखने की प्रक्रिया में दोनों पक्षों को 16-16 घंटे दिए जाएंगे। इससे पहले राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया केवल तीन बार हुई जिसमें एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और फिर पिछले साल ट्रंप को बरी कर दिया गया।
इनपुट-भाषा