नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा मान लिया है। ट्रंप ने कहा है कि वो भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के मुद्दे पर किसी तरह की मध्यस्थता नहीं करेंगे। अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने ये जानकारी दी है। ट्रंप ने पहले मध्यस्थता का ऑफर दिया था लेकिन भारत के कड़े रुख के बाद ट्रंप ने पलटी मार ली है।
बता दें कि ट्रंप ने 22 जुलाई को दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने को कहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा था कि पीएम मोदी और उन्होंने पिछले महीने जापान के ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की थी, जहां पीएम मोदी ने उन्हें कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की पेशकश की थी।
ट्रंप ने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर है कि वह इस मसले पर अमेरिका का सहयोग चाहते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि मोदी और इमरान शानदार लोग हैं। अगर वो चाहते हैं कि पिछले काफी समय से चले आ रहे इस गंभीर मसले पर कोई हस्तक्षेप करे तो हम तैयार हैं।
ट्रंप ने फिर दोहराया कि मैंने इस मसले को लेकर पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्री से बात की है। हालांकि भारत ने ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया था, वहीं पाकिस्तान ने उनके बयान का स्वागत किया था।
वहीं भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद अमेरिका ने कहा था कि वो जम्मू कश्मीर में घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है। साथ ही उसने सभी पक्षों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की थी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, 'हम नियंत्रण रेखा पर सभी पक्षों से शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करते हैं।'