वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप परमाणु समझौते को लेकर ईरान पर थोड़े नरम पड़े हैं और उन्होंने शुक्रवार को ईरान पर लगे प्रतिबंधों में ढील की समयसीमा को और बढ़ा दिया है। साथ ही ट्रंप ने यूरोपीय सहयोगियों तथा कांग्रेस को आगाह किया है कि अगर 2015 में हुए ऐतिहासिक समझौते की खामियों को उन्होंने दूर नहीं किया तो यह माफी आखिरी होगी। ट्रंप ने ईरान पर लगे प्रतिबंधों में ढील देने संबंधी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। हालांकि, यूरोपीय संघ ने समझौते पर दोबारा विचार-विमर्श के कोई संकेत नहीं दिए हैं।
व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को बताया कि ट्रंप आखिरी बार ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को माफ करेंगे लेकिन इसके लिए जरूरी है कि अगले 120 दिन के अंदर अमेरिका और यूरोप के बीच एक समझौता हो जाए ताकि परमाणु सौदा मजबूत हो सके। ट्रंप ने एक बयान में बताया, ‘तीव्र अनिच्छा के बावजूद मैंने अब तक अमेरिका के ईरान परमाणु समझौते से अलग नहीं किया है।’ ट्रंप ने कहा, ‘आज मैं ईरान पर लगे प्रतिबंधों में ढील संबंधी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर रहा हूं लेकिन समझौते से जुड़े यूरोपीय देशों को इस समझौते की कमियों को दुरुस्त करना होगा। यह आखिरी मौका है।’
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, खास कर अपने यूरोपीय सहयोगियों से कहा है कि या तो ‘संयुक्त समग्र कार्य योजना’ (JCPOA) को दुरुस्त किया जाए या वह अमेरिका को परमाणु समझौते से अलग कर लेंगे। अपने बयान में उन्होंने कहा, ‘यह आखिरी बार है। (अमेरिका और यूरोपीय शक्तियों के बीच ) कोई ऐसा समझौता न होने की स्थिति में अमेरिका ईरान परमाणु समझौते में बने रहने के लिए एक बार फिर से प्रतिबंधों को माफ नहीं करेगा।’