वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक बार फिर क्यूबा, वेनेजुएला, ईरान और उत्तर कोरिया में 'दमनकारी सरकारों' की निंदा की है और कहा कि उनका प्रशासन दुनियाभर में उनलोगों के साथ है, जो धार्मिक विश्वास की वजह से 'उत्पीड़न' का सामना कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘ट्रंप ने अपनी टिप्पणी वाशिंगटन में वार्षिक 'नेशनल प्रेयर ब्रेकफास्ट' के दौरान की। यह ऐसा समारोह है, जो पारंपरिक रूप से राजनीति और धर्म का मिश्रण है।’
ट्रंप ने हालांकि क्यूबा और वेनेजुएला को विश्व में मानवाधिकार का मुख्य उल्लंघनकर्ता देश माना। दोनों देश हालांकि अमेरिका की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले देशों की सूची में नहीं आते हैं। ईरान और उत्तर कोरिया अमेरिका की इस सूची में शामिल हैं। धार्मिक स्वतंत्रता पर विदेश मंत्रालय की ओर से अगस्त में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि क्यूबा में धार्मिक माहौल हाल के वर्षो में बेहतर हुआ है और वेनेजुएला के मामले में, सरकारी मीडिया की ओर से 'यहूदी विरोधी' खबर चलाने के मामले में चिंता जताई गई थी।
ट्रंप ने इराक और सीरिया में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय पर किए गए उत्पीड़न को याद किया और दावा किया कि अमेरिका नीत अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन ने इन देशों में IS के कब्जे से 100 प्रतिशत जमीन को मुक्त करा लिया है। राष्ट्रपति ने अमेरिकी इतिहास में धर्म की केंद्रीय भूमिका पर जोर डालते हुए कहा, ‘अमेरिका आस्थावानों का देश है और हम प्रार्थना की शक्ति से मजबूत हुए हैं।’