वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से आज अमेरिका के अलग होने की घोषणा की। ओबामा के समय के इस समझौते की ट्रंप पहले ही कई बार आलोचना कर चुके हैं। ट्रंप ने कहा, ‘‘मेरे लिए यह स्पष्ट है कि हम ईरान के परमाणु बम को नहीं रोक सकते। ईरान समझौता मूल रूप से दोषपूर्ण है। इसलिए, मैं आज ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने की घोषणा कर रहा हूं।’’
इसके कुछ क्षण बाद उन्होंने ईरान के खिलाफ ताजा प्रतिबंधों वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये और देशों को ईरान के विवादित परमाणु हथियार कार्यक्रम पर उसके साथ सहयोग करने के खिलाफ चेताया। ट्रंप ने कहा कि इस समझौते ने ईरान को बड़ी मात्रा में धन दिया और इसे परमाणु हथियार हासिल करने से नहीं रोका।
ट्रंप ने यह फैसला कर प्रमुख यूरोपीय सहयोगियों तथा अमेरिका के शीर्ष डेमोक्रेट नेताओं की सलाह को नजरअंदाज किया। अपने चुनाव प्रचार के समय से ही ट्रंप ने ओबामा के समय के ईरान परमाणु समझौते की कई बार आलोचना की है। उन्होंने समझौते को खराब बताया था। इस समझौते के वार्ताकार तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी थे।
जुलाई 2015 में ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों एवं जर्मनी तथा यूरोपीय संघ के बीच वियना में ईरान परमाणु समझौता हुआ था। ट्रंप के फैसले का दुनियाभर में प्रभाव होगा। इससे ईरान की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी और पश्चिमी एशिया में तनाव बढे़गा।