लॉस एंजिलिस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 500 और 1000 रूपये के पुराने नोट बंद करने का फैसला एक साहसिक और मजबूत कदम है। यह अमेरिका के एक शीर्ष औद्योगिक संगठन का कहना है।
ये भी पढ़े-
- नोटबंदी: 4 घंटे लाइन में लगने के बाद बैंक ने थमाए 20 हजार के सिक्के
- दुश्मनों के छक्के छुड़ाने भारत आ रहा है अपाचे हेलीकॉप्टर!!
अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा, हम प्रधानमंत्री के इस निर्णय का स्वागत करते हैं। मेरा मानना है कि यह एक बहुत साहसिक और मजबूत कदम है।
कल यहां विश्व हिंदू आर्थिक मंच की तीन दिवसीय बैठक से इतर अघी ने कहा कि कई देश अपने नोट बंद करने के बारे में सोचते रहते हैं। जैसे यूरोप 500 यूरो का नोट और अमेरिका अपने 100 डॉलर के नोट को बंद करने पर विचार करता रहा है। उनके हिसाब से प्रधानमंत्री मोदी ने इसे किया है और नेतृत्व की मजबूती दिखाई है और बाकी दुनिया इसे दीर्घावधि में अपनाएगी।
उन्होंने कहा कि मोदी ने राजनीतिक पूंजी को दांव पर लगाते हुए एक साहसिक कदम उठाया है। राजनीतिक रूप से यह जोखिम वाला कदम है, लेकिन आर्थिक रूप से दीर्घकालिक आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था के व्यापक स्वरूप को देखते हुये यह सही कदम है। और यही उन्होंने किया है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मामले में अहम यह है कि कितनी जल्दी नई मुद्रा को प्रचलन में लाया जा सकता है।