वाशिंगटन: अमेरिकी संसदीय समिति ने मांग की है कि पाकिस्तान को मिलने वाली हर तरह की सहायता बंद करनी चाहिए ताकि अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा फैलाने के लिए उसकी ज़मीन का कथित रुप से इस्तेमाल करने वाले अफ़ग़ान तालिबान गुटों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का उस पर दबाव पड़ सके। कुछ सांसदों ने तो ये तक सुझाव दिया है कि अगर पाकिस्तान आतंकी गुटों को ख़त्म नही करता तो उसे आतंकवाद को हवा देने वाला राष्ट्र घोछित कर देना चाहिए और उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
आपको बता दें कि मंगलवार को संसदीय समिति की बैठक में इस बात पर जो़रदार चर्चा हुई कि पाकिस्तान को “दोस्त माना जाए या दुश्मन।” बैठक में कई बार पाकिस्तान को चालाक कहा गया और उस पर अमेरिका को बेवकूफ बनाने का भी आरोप लगाया गया।
“विदेश मामलों की समिति की एशिया एवं प्रशांत उप समिति के अध्यक्ष सांसद मैट सालमोन ने कहा, ''वे हमें मूर्ख बना रहे हैं, हम बेवकूफ बन रहे हैं। ऐसा लगता है मानो हम माफिया को पैसा दे रहे हैं।”
काबुल, बग़दाद और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत रहे चुके ज़लमे ख़लीलज़ाद ने कहा, “अगर मुझे अराजनयिक शब्दावली के इस्तेमाल करने की इजाज़त हो तो मैं कहूंगा हम बहुत भोले बने रहे हैं।”
अफ़गान मूल के ख़लीलज़ाद ने दावा किया कि पाकिस्तानी नेताओं ने सदियों से अमेरिकी प्रशासन को बेवकूफ बनाया है।
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ख़लीलज़ाद के विचारों से सहमति जताते हुए सालमोन ने कहा, “भोलेभाले मूर्ख, ज़्यादातर अमेरिकी ऐसा ही सोचते हैं लेकिन फिर भी हमारे तथाकथित नेताओं को समझ नहीं आता।”
ये टिप्पणियां इंटरनेट पर लाइव ब्रॉडकास्ट हुई जिसके फ़ौरन बाद वाशिंगटन में पाकिस्तान दूतावास ने स्पष्ट किया कि अमेरिका और पाकिस्तान अभी भी सहयोगी हैं और दोनों देशों के बीच आतंकवाद से निबटने के लिए सकारात्मक सहयोग है।
इस बीच पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ ने कहा कि अमेरिका का एक बुद्धिजीवीवर्ग सोचता है कि अमेरिका को पाकिस्तान को दुश्मन मानना चाहिए। "ये नज़रिया भारत और अफ़ग़ानिस्तान के दजुष्प्रचार से बना है और इसीलिए कुछ कांग्रेसमैन इस पर चर्चा की।"