संयुक्त राष्ट्र: कजाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक ने सुझाव दिया है कि संयुक्त राष्ट्र को दिवाली मनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवाली दिवस मनाना चाहिए। उनका कहना है कि इस पर्व में वही मूल्य निहित हैं जिनको संयुक्त राष्ट्र मानता है। कजाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि कैरात उमारोव ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता दिलाने की सफलता के बाद अब भारत को दिवाली को भी इसी तरह मान्यता दिलाने के प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसा होना दिवाली पर्व को 'अमर' कर देगा जो संयुक्त राष्ट्र के बुराई पर जीत हासिल करने के विचारों को प्रतिबिंबित करता है। पूर्व उप विदेश मंत्री व भारत में कजाकिस्तान के राजदूत रह चुके उमारोव ने दिवाली फाउंडेशन के 'पॉवर ऑफ वन' समारोह को संबोधित करने के दौरान यह बात कही और फाउंडेशन की तरफ से छह सेवारत और पूर्व संयुक्त राष्ट्र रजनयिकों व अंतर्राष्ट्रीय प्रशासनिक अधिकारियों को पुरस्कार दिया। अधिकारियों को यह पुरस्कार शांतिपूर्ण और सुरक्षित विश्व बनाने के लिए उनके समर्पण और परिवर्तन लाने के प्रयासों के लिए दिया गया।
'पॉवर ऑफ वन' पुरस्कार लेबनान के स्थाई प्रतिनिधि नवाफ सलाम, ब्रिटेन के स्थाई प्रतिनिधि मैथ्यू रायरक्रॉफ्ट, सहायक महासचिव, संयुक्त राष्ट्र महिला की उप कार्यकारी निदेशक व पूर्व भारतीय राजनयिक लक्ष्मी पुरी, मिस्र के पूर्व अवर महासचिव माजेद अब्देलअजीज, मोल्दोवा के महासभा मामलों के पूर्व निदेशक आयन बोतनारू और यूक्रेन के पूर्व स्थाई प्रतिनिधि युरिए सेरेगेव को दिया गया। आपको बता दें कि 2014 में संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली ने 21 जून को दुनिया भर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने को मान्यता दी थी।