वॉशिंगटन: कोरोना वायरस का कहर इस समय पूरी दुनिया पर टूटा हुआ है और तकरीबन हर रोज इससे जुड़ी कोई न कोई जरूरी खबर जरूर सामने आती है। एक रिसर्च में पता चला है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए अस्पताल से छुट्टी मिलने के डेढ़ सप्ताह तक बहुत जोखिम रहता है। इस नए रिसर्च में कह गया है कि कोरना वायरस के संक्रमण से मुक्त हुए मरीजों के फिर से अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु की आशंका बनी रहती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस स्टडी में 132 अस्पतालों में कोविड-19 के लिए भर्ती हुए करीब 2200 लोगों को छुट्टी मिलने के बाद उनकी स्थिति का विश्लेषण किया गया।
‘डिस्चार्ज होने के बाद भी बना रहता है खतरा’
स्टडी करने वालों ने पाया है कि हार्ट अटैक और निमोनिया के लिए अस्पताल में भर्ती किए गए मरीजों की तुलना में कोविड-19 के मरीजों के छुट्टी मिलने के अगले 10 दिनों में फिर से अस्पताल में आने या मृत्यु का 40 से 60 प्रतिशत तक अधिक खतरा होता है। शोध पत्रिका ‘जामा’ में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के अगले 60 दिनों में फिर से अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु का खतरा उन दोनों रोगों के मरीजों की तुलना में कम हो जाता है। अध्ययन में 132 अस्पतालों में कोविड-19 के लिए भर्ती हुए करीब 2200 लोगों को छुट्टी मिलने के बाद उनकी स्थिति का विश्लेषण किया गया।
‘पहले से दूसरे सप्ताह में नजर आया बड़ा जोखिम’
इस अध्ययन में निमोनिया के लिए भर्ती हुए 1800 मरीजों और हृदयाघात के 3500 मरीजों की स्थिति से तुलना की गई। शुरुआती 2 महीने में अस्पताल से छुट्टी ले चुके कोविड-19 के 9 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु हो गयी और करीब 20 प्रतिशत को फिर से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अध्ययन के लेखक और अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय में महामारी विशेषज्ञ जॉन पी डूनेली ने बताया, ‘गंभीर रूप से बीमार लोगों और कोविड-19 के मरीजों की तुलना करने पर हमें पहले से दूसरे सप्ताह में बड़ा जोखिम नजर आया। यह अवधि किसी भी मरीज के लिए खतरनाक होता है।’