वॉशिंगटन: वैज्ञानिकों ने सीआरआईएसपीआर आधारित कोविड-19 जांच के लिए एक नई तकनीक विकसित की है, जिसमें स्मार्टफोन कैमरा का इस्तेमाल करते हुए 30 मिनट से भी कम समय में सही परिणाम प्राप्त हो जाता है। पत्रिका ‘सेल’ में प्रकाशित शोध के मुताबिक, नई जांच से न केवल पॉजिटिव या निगेटिव परिणाम हासिल किया जा सकता है बल्कि इसमें वायरल लोड (यानि वायरस के संकेद्रण) की भी जांच की जाती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि उपकरण ने पांच मिनट के अंदर पॉजिटिव नमूनों का सही-सही पता लगा लिया।
शोधकर्ताओं ने बताया कि सभी सीआरआईएसपीआर जांच में वायरल आरएनए को डीएनए में बदलने की जरूरत होती है और इसका पता लगाने से पहले इसे प्रवर्धित करना होता है, जिसमें ज्यादा समय लगता है और यह जटिल होता है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत नये तरीके में इन सभी कदमों को छोड़कर सीआरआईएसपीआर का इस्तेमाल कर सीधे वायरल आरएनए का पता लगाया जाता है।
अमेरिका के ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट की वरिष्ठ शोधकर्ता जेनिफर डाउडना ने कहा, ‘‘हम सीआरआईएसपीआर आधारित जांच को लेकर इसलिए उत्साहित हैं क्योंकि यह जरूरत के समय जल्द एवं सही परिणाम देता है।’’ डाउडना ने कहा, ‘‘यह विशेष रूप से उन स्थानों पर ज्यादा उपयोगी हैं जहां जांच की सीमित पहुंच हो या जब बार-बार तेजी से जांच की जरूरत पड़े।’’
उन्होंने कहा, "यह कोविड-19 को लेकर आ रही कई बाधाओं को दूर कर सकता है।" गौरतलब है कि डाउडना को सीआरआईएसपीआर-सीएएस जीनोम एडिटिंग अन्वेषण के लिए 2020 में रसायनशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है।