बीजिंग: अमेरिका द्वारा बार-बार कोरोना वायरस महामारी का स्रोत वुहान को बताए जाने के बावजूद इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई। हालांकि चीन के वुहान में वायरस के संक्रमण के शुरूआती मामले जरूर सामने आए थे। जैसे-जैसे अमेरिका में महामारी का प्रकोप बढ़ा, वैसे-वैसे चीन पर आरोप लगाने का दौर भी तेज होता गया। ट्रंप प्रशासन ने वायरस का ठीकरा चीन के सिर फोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस बीच एक और रिपोर्ट सामने आयी है, जिसमें अमेरिका के यूसीएलए अस्पताल और क्लीनिक के मेडिकल रिकॉर्ड का हवाला दिया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर महीने में ही अमेरिका के लॉस एंजिल्स में वायरस के संक्रमण के मामले सामने आ चुके थे। जबकि वुहान में वायरस की शुरूआत इसके बाद होने की खबरें आयी थी।
वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में यूसीएलए और अन्य शोधकतार्ओं ने खांसी के इलाज के लिए आए रोगियों के दस्तावेज का जिक्र किया है। बताया जाता है कि इस तरह की परेशानी से जूझ रहे मरीजों का इलाज के लिए आना 22 दिसंबर से शुरू हुआ और फरवरी के आखिर तक जारी रहा।
वहीं अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अधिकारियों ने पहली बार माना है कि कोरोना वायरस जनवरी के मध्य में अमेरिका के कुछ हिस्सों में पहुंच गया था।
इस नई रिपोर्ट से चीन के वुहान में सबसे पहले वायरस के संक्रमण की शुरूआत होने की बात कमजोर पड़ गयी है। एक ओर नवंबर महीने में चुनाव होने हैं और दूसरी ओर लाखों अमेरिकी नागरिक वायरस की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में अमेरिका सरकार के पास बार-बार चीन को कोसने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है। ट्रंप सरकार के नेता वैज्ञानिकों की सलाह की भी अनदेखी करने में लगे हैं। इस तरह से आने वाले दिनों में वायरस का प्रकोप कम होने के बजाय और बढ़ेगा।