फ्लोरिडा: कोरोना वायरस अब एकबार फिर अमेरिका में अपना घातक रूप दिखा रहा है। फ्लोरिडा के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है। दर्जनों अस्पताल ऑक्सीजन की कमी के संकट से जूझ रहे हैं। फ्लोरिडा हॉस्पिटल एसोसिएशन के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि राज्य के 68 अस्पतालों में 48 घंटे से भी कम समय का ऑक्सीजन बचा है। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के प्रसार के कारण हाल ही में ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है। फ्लोरिडा हॉस्पिटल एसोसिएशन के अनुसार, गुरुवार तक फ्लोरिडा में अस्पतालों में 16,550 कोविड-19 रोगियों की पुष्टि हुई थी। वहीं ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए अस्पताल प्रशासन से बातचीत कर तमाम इंतजाम पुख्ता करने के प्रयासों में जुटा हुआ है।
वहीं सेंट्रल फ्लोरिडा के अस्पातालों के मोर्चरी में शवों की भरमार है। मोर्चरी अपनी क्षमता के स्तर को पार कर चुके हैं। कई अस्पतालों में शवों को रखने के वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों से पता चलता है कि फ्लोरिडा में अस्पताल में भर्ती होने की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर है। फ्लोरिडा में कुल 66 फीसदी लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है। लेकिन 20 से 29 साल के युवाओं को भी सम्मिलित करने पर यह आंकड़ा 47 फीसदी तक गिर जाता है।
फ्लोरिडा में औसतन 21 हजार नए मामले रोजाना आ रहे हैं जिनमें से 17 हजार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ रही है जबकि रोजाना औसतन 200 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हो रही है। कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट अमेरिका में इस बीमारी के मामलों में आई हालिया तेजी का प्रमुख कारण बना है। कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में भर्ती होने वाले और इस बीमारी से मरने वाले लोगों में अधिकतर लोग ऐसे हैं जिन्होंने टीका नहीं लगवाया था।