वॉशिंगटन/बर्लिन: अमेरिका और जर्मनी के बीच कोरोना वायरस के टीके को लेकर ठन गई है। जर्मनी ने अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने कोरोना के इलाज के लिए विकसित की जाने वाली दवा के लिए एक जर्मन कंपनी के साथ डील करने की कोशिश की थी। जर्मनी की सरकार ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक जर्मन मेडिकल कंपनी से कोरोना वायरस की वैक्सीन का विशेषाधिकार खरीदने के लिए बड़ी रकम ऑफर की थी।
जर्मनी ने कहा, टीका पूरी दुनिया के लिए होगा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना वायरस के टीके का विशेषाधिकार पाने के लिए ट्रंप प्रशासन ने डील की कोशिश की थी। इसके लिए उसने एक जर्मन मेडिकल कंपनी को 'मोटी रकम' देने की पेशकश की। अमेरिका की इस हरकत पर जर्मन सरकार ने कहा कि वैक्सीन पूरी दुनिया के लिए होगी। जर्मनी ने यह भी दावा किया है कि वह वैक्सीन विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। आरोप है कि ट्रंप ने तुबिनगेन की फार्मा कंपनी क्योरवैक को सिर्फ अमेरिका के लिए वैक्सीन सुरक्षित करने के लिए 1 अरब डॉलर की पेशकश की थी।
यूएस ने कहा- जरूरत से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है
अमेरिकी सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विशेषाधिकार हासिल करने की रिपोर्ट को जरूरत से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। उसने कहा कि वैक्सीन बनाने का दावा करने वाली कई कंपनियों से बातचीत की गई है और कई कंपनियां अमेरिकी निवेशकों से फंड भी हासिल कर चुकी हैं। अमेरिकी अधिकारी इस बात को खारिज कर रहे हैं कि अमेरिकी वैक्सीन को केवल अपने लिए सुरक्षित करना चाहता है। दूसरी तरफ जर्मनी ने साफ कर दिया है कि जब भी दवा बनेगी पूरी दुनिया के लिए बनेगी, और जर्मन वैज्ञानिकों की रिसर्च को कोई सिर्फ अपने लिए नहीं खरीद सकेगा।