वाशिंगटन: अमेरिका का गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) कंपैशन इंटरनेशनल भारत में अपना संचालन बंद करने जा रहा है और इस बीच, अमेरिका ने आज कहा कि वह इस मुद्दे को वह भारत के समक्ष उठाएगा। इसके साथ अमेरिका ने भारत में विदेशी एनजीओ के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया की मांग की और कहा कि पिछले कुछ वर्षों से भारत में विदेशी एनजीओ महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। कंपैशन इंटरनेशनल को पिछले वर्ष मई में पूर्व अनुमति श्रेणी में रखा गया था जिसके बाद अब यह खबर है कि यह संगठन भारत में अपना संचालन बंद करने जा रहा है। दिसंबर में, गृह मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिकी अधिकारियों की अपील के बावजूद, निर्णय पर पुनर्विचार किये जाने की संभावना नहीं है।
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अमेरिकी विदेश विभाग के कार्यकारी प्रवक्ता मार्क टोनर ने संवाददाताओं से कहा, विदेशों में एनजीओ सराहनीय काम कर रहे हैं और कानून पारित करने के पीछे सरकार के अपने कारण होते हैं लेकिन हमारा मानना है कि यह पारदर्शी और स्पष्ट होना चाहिए कि सरकार इन संगठनों को क्यों बंद करा रही है। टोनर ने कहा कि अमेरिका इस मुद्दे को भारत के समक्ष उठाएगा। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर, हम इस मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष उठाएंगे। टोनर ने भारत में अपने संचालन को जारी रखने में एनजीओ द्वारा सामना किये जाने वाली चुनौतियों पर चिंता जाहिर की।
उन्होंने कहा, दुर्भाग्यवश हमने पिछले कुछ वर्षों के दौरान देखा है कि भारत में कई विदेशी वित्त पोषित एनजीओ को अपने संचालन को जारी रखने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
टोनर कहा, भारत के साथ हमारे मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के कारण हम इस तरह के मुद्दों पर बात कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को पारदर्शी तरीके से और सहयोगपूर्वक काम करना चाहिए ताकि न केवल भारतीय कानूनों का सम्मान हो, बल्कि एक पारदर्शी प्रक्रिया को भी प्रोत्साहन मिले।
कंपैशन इंटरनेशनल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैंटियागो मेलेडो ने न्यूयॉर्क टाइम्स को टेलीफोन पर दिए गए साक्षात्कार में कहा कि स्थिति पर एक ब्रीफिंग इस सप्ताह ट्रंप प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। एनजीओ का संचालन बंद होने की खबर इन आरोपों के बीच आई है कि यह ईसाई धर्मार्थ संगठन, धर्म परिवर्तन के कार्य में शामिल रहा है। मेलेडो ने अखबार से कहा कि अन्य धर्मार्थ संगठन मामले पर करीब से नजर रखे हुये हैं।