Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अमेरिका
  4. चीन के इस कानून से अमेरिका और जापान समेत कई देशों की उड़ी नींद, कहा-विवादों को तूल दे रही है जिनपिंग सरकार

चीन के इस कानून से अमेरिका और जापान समेत कई देशों की उड़ी नींद, कहा-विवादों को तूल दे रही है जिनपिंग सरकार

अमेरिका ने चीन के उस कानून पर चिंता जताई है जिसमें चीनी तटरक्षकों को विदेशी जहाजों पर गोलाबारी का अधिकार दिया गया है। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 20, 2021 14:18 IST
चीन के इस कानून से अमेरिका, जापान समेत कई देशों की उड़ी नींद
Image Source : INDIA TV चीन के इस कानून से अमेरिका, जापान समेत कई देशों की उड़ी नींद

वाशिंगटन: अमेरिका ने चीन के उस कानून पर चिंता जताई है जिसमें चीनी तटरक्षकों को विदेशी जहाजों पर गोलाबारी का अधिकार दिया गया है। अमेरिका ने चीन के हाल में बनाए गए तट रक्षक कानून पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे इलाके में जारी क्षेत्रीय एवं समुद्री विवाद और बढ़ेगा एवं अवैध दावे करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। जिनपिंग सरकार विवादों को तूल दे रही है। उल्लेखनीय है कि चीन ने पिछले महीने कानून पारित किया था जिसके तहत पहली बार तटरक्षक विदेशी पोतों पर गोलाबारी कर सकते हैं। 

पढ़ें:- चीन ने पहली बार माना- गलवान झड़प में हुई थी उसके सैनिकों की भी मौत

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अमेरिका, फिलीपीन, वियतनाम, इंडोनेशिया, जापान एवं अन्य देशों के साथ है जिन्होंने चीन द्वारा हाल में लागू तटरक्षक कानून को लेकर चिंता जताई है। इससे इलाके में पहले से जारी क्षेत्रीय एवं समुद्री विवाद और बढ़ सकता है।’’ उल्लेखनीय है कि दक्षिण चीन सागर एवं पूर्वी चीन सागर में चीन सीमा विवाद में उलझा है। चीन ने इलाके पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए वहां कई द्वीपों एवं चट्टानों का सैन्यीकरण किया है। ये दोनों इलाके खनिज, तेल एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न होने के साथ-साथ वैश्विक व्यापार के प्रमुख मार्गों में से एक है। प्राइस ने कहा, ‘‘हम विशेषतौर पर कानून की भाषा को लेकर चिंतित है जिसमें दक्षिण एवं पूर्वी चीन सागर में चल रहे क्षेत्रीय एवं समुद्री विवाद में चीनी दावे को लागू करने के लिए संभावित बल के इस्तेमाल की बात की गई है व इनमें चीनी तटरक्षा के सशस्त्र बल शामिल हैं।’’

पढ़ें: खुशखबरी! दिल्ली-इंदौर के बीच चलेगी स्पेशल ट्रेन, जानिए रूट, टाइमिंग, स्टॉपेज

अमेरिकी रक्षा विभाग चीन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बना रहा रणनीति 

बाइडन प्रशासन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अमेरिकी सैन्य बलों की तैनाती में फेरबदल करने एवं चीन तथा रूस पर और अधिक ध्यान केंद्रित करने पर विचार कर रहा है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पद संभालने के कुछ ही दिनों के भीतर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सेना की तैनाती से जुड़े विषय की समीक्षा की। इस समीक्षा के तहत पश्चिम एशिया में दशकों से चल रही जंग में फंसी सेना के लिए आगे का रास्ता भी तैयार करना भी शामिल है। इसके साथ ही बजट संबंधी चुनौतियों और देश के भीतर नस्लवाद एवं चरमपंथ जैसे मुद्दों पर भी ध्यान दिया जाना है। सरकार के फैसले से सेना की प्राथमिकता पर भी असर पड़ेगा। यह समीक्षा ऐसे वक्त हो रही है, जब अफगानिस्तान से इस गर्मी तक अमेरिकी सैनिकों को पूरी तरह निकालने का पूर्ववर्ती प्रशासन का फैसला भी लंबित है। 

 पढ़ें:-पीएम मोदी के प्रस्तावों का पाकिस्तान ने किया समर्थन, जताई पूरी सहमति

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विपरीत राष्ट्रपति जो बाइडन नाटो गठबंधन को लेकर भी प्रतिबद्धता दिखाना चाहते हैं। इससे पश्चिम एशिया, यूरोप और एशिया प्रशांत में अमेरिकी सेना की मौजूदगी में फेरबदल हो सकता है। हालांकि, पूर्व में ऐसे बदलावों को सीमित कामयाबी ही मिली है। ट्रंप प्रशासन ने 2019 में फारस की खाड़ी में वायुसेना और नौसेना के अतिरिक्त बेड़े को तैनात किया था, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली। बाइडन के पदभार संभालने के पहले से ही सैनिकों की तैनाती के स्थानों में फेरबदल के संकेत मिल रहे थे। दिसंबर में ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ जनरल मार्क मिली ने भी प्रौद्योगिकी और भू-राजनीतिक स्थिति में बदलाव के कारण सुरक्षाबलों की तैनाती पर नए सिरे से विचार करने की बात कही थी। ऑस्टिन ने भी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी बलों की तैनाती में बदलावों को लेकर अपने विचार व्यक्त किए थे। 

इनपुट-भाषा

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement