Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अमेरिका
  4. कोरोना वायरस: चीन पर लगातार हमला बोल रहे हैं अमेरिका के नेता, अब पोम्पियो ने दिया बड़ा बयान

कोरोना वायरस: चीन पर लगातार हमला बोल रहे हैं अमेरिका के नेता, अब पोम्पियो ने दिया बड़ा बयान

कोरोना वायरस से जूझ रहे अमेरिका के नेता चीन पर लगातार हमला बोल रहे हैं। इसी कड़ी में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 29, 2020 11:27 IST
Mike Pompeo, Mike Pompeo Coronavirus, Donald Trump Coronavirus China- India TV Hindi
China rebuffed US efforts to contain coronavirus, says Mike Pompeo | AP File

वॉशिंगटन: कोरोना वायरस से जूझ रहे अमेरिका के नेता चीन पर लगातार हमला बोल रहे हैं। इसी कड़ी में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आरोप लगाया कि चीन ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में मदद के लिए इस संक्रामक रोग के केंद्र रहे वुहान में विशेषज्ञों को भेजने की अमेरिका की कोशिशों को ‘खारिज’ कर दिया है। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के प्रसार के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि उसकी वजह से दुनिया के 184 देश नरक जैसे हालात से गुजर रहे हैं।

पोम्पियो ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रपति और उनके प्रशासन ने अमेरिकियों को चीन में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए भेजने के वास्ते पूरी लगन के साथ काम किया ताकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की भी वहां जाने की कोशिश में मदद की जाए। हमें इनकार कर दिया गया। चीन की सरकार यह होने नहीं देगी, निश्चित तौर पर यह पारदर्शिता के विपरीत है। उन्होंने अमेरिकी पत्रकारों को बाहर निकाल दिया और उस समय वहां अमेरिकियों तथा अन्य पश्चिमी वैज्ञानिकों को भेजने से इनकार कर दिया है जब स्थिति बहुत गंभीर थी।’

अमेरिकी अधिकारी चीन की यात्रा करने वाले WHO के विशेषज्ञ प्रतिनिधि दल का हिस्सा थे। विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘वहां पहुंचने पर प्रतिनिधिमंडल कई स्थानों पर समूहों में गया लेकिन वुहान जाने वाले लोगों में अमेरिकी शामिल नहीं थे। जैसा कि विदेश मंत्री पोम्पियो ने लगातार कहा है कि अमेरिका बहुपक्षीय संगठनों का समर्थन करता है। हम इस पर जोर देते हैं कि वे अपने अभियानों को पूरा करें जिसमें पूर्ण रूप से पारदर्शिता बरतना और सूचना साझा करना तथा सच बोलने की इच्छा तथा सदस्य देशों को जवाबदेह ठहराना शामिल है।’

अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ को वित्त वर्ष 2019 में 40 करोड़ डॉलर दिए थे। उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2020 अब भी चल रहा है। मौजूदा 60-90 दिनों की रोक और नए वित्त पोषण की समीक्षा से पहले के वित्त पोषण पर कोई असर नहीं पड़ा है।’ इस बीच, सीनेटर क्रिस मर्फी और एड मार्की ने मंगलवार को पोम्पियो से उन सवालों का जवाब मांगा कि चीन में अहम जन स्वास्थ्य संबंधी पदों को क्यों खत्म कर दिया गया और वुहान विषाणुविज्ञान संस्थान की सुरक्षा की चेतावनियों को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया। दोनों अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सदस्य हैं।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement