वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद चीन से उसके रिश्तों में जबर्दस्त उतार-चढ़ाव देखने के मिला है। अमेरिका को यह लगने लगा है कि चीन के उभार के साथ दुनिया पर उसकी पकड़ ढीली होती जाएगी। इसी बीच अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने कहा है कि चीन अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लंबे समय में सबसे गंभीर खतरा पैदा करता है। जनरल का यह बयान दर्शाता है कि अमेरिका चीन की ताकत को कितनी गंभीरता से ले रहा है।
‘चीन अमेरिकी सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती’
जनरल मार्क ए मिल्ले ने ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष के तौर पर अपने नाम की पुष्टि संबंधी सुनवाई में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि चीन आगामी 50 से 100 वर्षों में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है।’’ मिले ने सीनेटर डेविड परड्यू के एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वह सीनेटर की इस बात से सहमत है कि चीन अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को हासिल करने के लिए व्यापार का इस्तेमाल कर रहा है और ‘वन बेल्ट वन रोड’ पहल इसका हिस्सा है। मिल्ले ने कहा कि चीन ने विश्व के सभी क्षेत्रों में अपना विस्तार किया है और वे स्पष्ट प्रतिद्वंद्वी हैं।
‘आक्रामक चीन से डरे हुए हैं देश’
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें पिछले सात दशकों से कायम अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के नियमों को बरकरार रखना होगा।’ मिल्ले ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि आक्रामक चीन के कारण देश भयभीत और घबराए हुए हैं और वे वहां अमेरिका को चाहते है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि चीन अमेरिका का दुश्मन नहीं है। मिल्ले ने कहा, ‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि वे हमारे प्रतिद्वंद्वी है। प्रतिद्वंद्वी होने का मतलब दुश्मन होना नहीं होता। सैन्य भाषा में शत्रु का अर्थ एक सक्रिय सैन्य संघर्ष से है। हमारे बीच ऐसा नहीं है।’