वॉशिंगटन: अमेरिका के अखबार न्यूजवीक ने जून में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान में हुई झड़प को लेकर बड़ा खुलासा किया है। अखबार के मुताबिक, गलवान में 15 जून को हुई हिंसक झड़प में 30-35 नहीं बल्कि कुल 60 चीनी सैनिकों की मौत हुई थी। न्यूजवीक ने एक और सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि गलवान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इशारे पर हिंसा हुई थी, लेकिन ड्रैगन की आर्मी अपने मकसद को पाने में बुरी तरह नाकाम रही थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गलवान में मिली बड़ी चोट के बाद राष्ट्रपति जिनपिंग बुरी तरह बौखला गए थे।
ड्रैगान का खतरा अभी टला नहीं है!
न्यूजवीक ने अपनी रिपोर्ट में भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि उसे चीन से सावधान रहने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रैगन अपनी हार से बुरी तरह चिढ़ा हुआ है और बदला लेने के लिए योजना बना रहा है। गलवान में हुई अपनी हार से बौखलाए शी जिनपिंग अब नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गए हैं और आने वाले दिनों में वह फौज में बड़े बदलाव कर सकते हैं। माना जा रहा है कि चीनी राष्ट्रपति भारत के खिलाफ बड़े कदम उठा सकते हैं इसलिए आने वाले दिनों में बॉर्डर पर तनाव बढ़ सकता है।
जिनपिंग के आने के बाद बढ़ा विवाद
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2012 में शी जिनपिंग के चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का महासचिव बनने के बाद से भारत से लगी सीमा पर चीनी सैनिक कहीं ज्यादा आक्रामक हो गए हैं। बता दें कि भारत और चीन में अभी तक सीमा निर्धारण नहीं हो पाया है और ड्रैगन के सैनिक इस बात का काफी फायदा उठाते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस ने भारत को मई में ही चीन की हरकतों के बारे में बता दिया था, जब वह तिब्बत के इलाके में युद्धाभ्यास कर रहा था। हालांकि गलवान में अचानक हमले की चीनी चाल कामयाब नहीं रही और भारतीय जवानों के हाथों ड्रैगन को मुंह की खानी पड़ी।