वॉशिंगटन: भारत और चीन के बीच सिक्किम को लेकर गतिरोध पर चिंता जताते हुए अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने चीन पर उकसाने वाले कदम उठाने का आरोप लगाया जिससे एशिया के 2 बड़े देशों के बीच तनाव बढ़ा। इलिनोइस से कांग्रेस के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘डोकलाम पठार में जो भी चल रहा है उसे लेकर मैं बहुत चिंतित हूं। मेरा मानना है कि चीन ने कुछ उकसाने वाले कदम उठाए जिससे इस क्षेत्र पर मौजूदा गतिरोध बढ़ा।’ 44 वर्षीय कृष्णमूर्ति हाल ही में भारत की यात्रा से लौटे हैं। इस दौरान उन्होंने इस सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और कई मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान गतिरोध के मुद्दे पर चर्चा नहीं की। गतिरोध पर कृष्णमूर्ति के विचार पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैं मौजूदा गतिरोध का कूटनीतिक समाधान, शांतिपूर्ण कूटनीतिक समाधान निकालने का अनुरोध करता हूं और मुझे बहुत उम्मीद है कि यह हो सकता है।’ कृष्णमूर्ति ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘यह बहुत महत्वपूर्ण है कि कोई भी देश उकसाने वाला कदम ना उठाए खासतौर से क्षेत्र में सीमा विवाद में।’ अमेरिका ने भारत और चीन की सेनाओं के बीच सिक्किम गतिरोध पर चुप्पी साध रखी है।
मौजूदा डोकलाम गतिरोध पर अमेरिका के रुख के बारे में पूछे जाने पर विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने गतिरोध की रिपोर्टों को देखा है। हम आगे की जानकारी के लिए आपको भारत, चीन और भूटान की सरकार से संपर्क करने की सलाह देते हैं।’ अमेरिका गत महीने भी सिक्किम गतिरोध पर टिप्पणी करने से बचता हुआ दिखा। इस बीच, यहां विश्लेषकों ने आक्रामक रुख के लिए चीन की आलोचना की है। ‘द साइफर ब्रीफ’ में एशिया-प्रशांत और रक्षा विश्लेषक विल ऐडवडर्स ने हाल ही में लिखा कि भारत की भौगोलिक स्थिति के कारण चीन के सड़क बनाने से भारत की रक्षा पर गंभीर सामरिक असर पड़ सकते हैं जिससे भारत की स्थिति कमजोर हो सकती है।
उन्होंने लिखा, ‘चीन की सड़क परियोजना को मंजूरी देना चीन को चिकन नेक पर हमला करने के लिए उसकी सेना को रास्ता देना हो सकता है। देश के शेष हिस्सों को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने वाले संकरे रास्ते को चिकन नेक कहते है जो लड़ाई की स्थिति में अहम हो सकता है।’