संयुक्त राष्ट्र: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में अपने संबोधन में कहा है कि उनका देश किसी भी देश के साथ किसी भी तरह का युद्ध नहीं लड़ना चाहता। शी ने कहा कि चीन की मंशा किसी भी देश के साथ 'कोल्ड वॉर' या 'हॉट वॉर' लड़ने की नहीं है। बता दें कि चीन इस समय न सिर्फ भारत के साथ LAC पर विवादों को हवा दे रहा है, बल्कि दक्षिणी चीन सागर में भी उसकी कारस्तानियों से कई देश परेशान हैं। इसके अलावा कई अन्य मोर्चों पर भी चीन अपने पड़ोसी देशों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
हकीकत से जुदा है शी का बयान
शी ने भले ही संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि चीन किसी भी देश के साथ किसी भी तरह का युद्ध नहीं लड़ना चाहता, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। पूर्वी लद्दाख में चीन ने जिस तरह के इरादे दिखाए हैं वह शी के बयान की धज्जियां उड़ाकर रख देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अभी भी LAC पर चीन से भिड़ंत का खतरा टला नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ दक्षिणी चीन सागर में ड्रैगन की आक्रामकता के चलते फिलीपींस, इंडोनेशिया और वियतनाम समेत कई देश तो पहले से ही परेशान रहते हैं। हाल के दिनों में अमेरिका ने SCS में चीन की आक्रामकता को टक्कर देने के लिए अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं।
कोरोना वायरस पर भी बोले जिनपिंग
शी जिनपिंग ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस पर भी बात की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से लड़ाई लड़ते वक्त देशों को अपने लोग नागरिकों और उनकी जिंदगियों को सबसे ऊपर रखना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को लेकर राजनीतिकरण या कलंकित करने की किसी भी कोशिश को अस्वीकार कर देना चाहिए। आपको बता दें कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया में चीन के ही वुहान शहर से फैला था। माना जाता है कि चीन की सरकार ने इससे जुड़ी जानकारियां छिपाईं, जिससे यह इतने घातक स्तर पर फैल गया। कई देश वायरस के इस तरह फैलने में चीन की सरकार की चुप्पी और लापरवाही को ही जिम्मेदार मानते हैं।