वाशिंगटन: भारतीय मूल के पूर्व अमेरिकी संघीय प्रॉसिक्यूटर प्रीत भरारा ने एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमी को बर्खास्त करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की निंदा करते हुए कहाजो कोई भी स्वतंत्रता और कानून के पालन की चिंता करता है उसे इस कदम से परेशानी हुई होगी। ट्रंप ने कोमी को यह कहते हुए पद से हटा दिया कि वह ब्यूरो का प्रभावशाली रूप से नेतृत्व करने में अब सक्षम नहीं है और इसमें लोगों का विश्वास पुन: कायम करना आवश्यक है। (आज रूसी विदेश मंत्री से मिलेंगे डोनाल्ड ट्रंप)
भरारा (48) को भी ट्रंप प्रशासन ने बर्खास्त कर दिया था। उन्होंने ट्वीट किया,प्रत्येक व्यक्ति जो अमेरिका में स्वतंत्रता और कानून के पालन की परवाह करता है वह कोमी के निकाले जाने के समय और उसके पीछे दिए गए कारणों से परेशान होगा। एएफबीआई 2016 में राष्ट्रपति चुनाव में रूस के दखल के आरोपों की जांच कर रहा है ऐसे में कोमी की बर्खास्तगी पर अनेक सांसद प्रश्न उठा रहे हैं। रिपब्लिकन सांसद रिचर्ड बर ने कहा, मैं कोमी को बर्खास्त किए जाने के कारण और समय को ले कर परेशान हूं।
सांसद बॉब कासे ने ट्वीट किया, यह निक्सोनियन (पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के जमाने में हुआ वाटरगेट कांड) है। डिप्टी एजी रोड रोजेनस्टीन को ट्रंप-रूस जांच जारी रखने के लिए विशेष प्रॉसीक्यूटर को तत्काल नियुक्त करना चाहिए। सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा, जिस तरह से कोमी को निकाला गया है वह काफी परेशान करने वाला है।