गेरो के अनुसार, ओबामा और येगर का रिश्ता धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा और वे शादी के बारे में सोचने लगे। येगर ने गेरो को बताया, '1986 की सर्दियों में बराक और मैं मेरे माता-पिता से मिलने गए। उसी समय बराक ने मेरे सामने शादी का प्रस्ताव रखा।' लेकिन येगर के माता-पिता को यह रिश्ता पसंद नहीं था। उन्हें ओबामा के भविष्य और उनकी नौकरी को लेकर चिंता थी। येगर के मुताबिक, ओबामा का मानना था कि राजनैतिक महत्वाकांक्षाएं पूरी करने के लिए जरूरी है कि वह खुद की पहचान 'अफ्रीकन अमेरिकी' मूल के तौर पर दें।
ऐसे में आगे चलकर गैर- अफ्रीकन अमेरिकन मूल की पत्नी होना राष्ट्रपति बनने के उनके मकसद को प्रभावित कर सकता था। इसके बाद ही उनके रिश्ते में तनाव आने लगा और वे दोनों हर समय नस्ल व राजनीति से जुड़ी बातें करने लगे। फिर धीरे-धीरे येगर और ओबामा का रिश्ता कमजोर पड़ने लगा, लेकिन इसके बावजूद जब ओबामा शिकागो से हार्वर्ड लॉ स्कूल जाने लगे तो उन्होंने येगर से दोबारा शादी के बारे में बात की। लेकिन बात कुछ जमी नहीं। हार्वर्ड में ही अपने लॉ स्कूल के पहले साल में ओबामा की मुलाकात मिशेल से हुई।