वॉशिंगटन: अटॉर्नी जनरल लॉरेटा लिंच ने कहा है कि किसी धर्म विशेष में आस्था रखने वाले सभी लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना अस्वीर्काय है क्योंकि यह अमेरिका के आदर्शों के मुताबिक नहीं है जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
उन्होंने कहा, किसी धर्म विशेष के सदस्यों पर, उस धर्म की राह से भटके कुछ अन्य लोगों की हरकतों की वजह से प्रतिबंध लगा देना अपनी विचारधारा और अपने शब्दों से तथा देश की स्थापना के आदर्शों से पीछे हटना होगा। लिंच वर्जीनिया के ग्रेटर वॉशिंगटन इलाके में एक मस्जिद में विविध धर्मों के लोगों को संबोधित कर रही थीं। यहां विभिन्न धर्मों को मानने वाले भारतीय-अमेरिकी मौजूद थे।
लिंच ने कहा, यह उस देश में अस्वीकार्य है जहां के बिल ऑफ राइट्स की पहली ही धारा में धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी दी गई हो और जहां के न्याय विभाग ने घृणा संबंधी इन गतिविधियों में मुकदमे चलाए हों। लिंच ने कहा कि न्याय विभाग और पूरा ओबामा प्रशासन घृणा अपराधों को पूरी गंभीरता से लेता है जिनमें किसी व्यक्ति को उसकी जाति, धर्म, लिंग या उनके यौन रूझान के कारण निशाना बनाया गया हो।
उन्होंने कहा, इसीलिए हमने ऐसे घृणा अपराधों को अंजाम देने वाले लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए बिना थके कई वर्षों तक काम किया। लिंच ने कहा, मुस्लिम अमेरिकी, सिख अमेरिकी और हिंदू अमेरिकी, सभी धर्मों का पालन करने वाले आप सभी लोग आप हमारे दोस्त हैं, हमारे परिवार के सदस्य हैं।