न्यूयार्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संबोधन के दौरान संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर कई बलूच और भारतीय कार्यकर्ताओं ने व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनकारियों के साथ कई अन्य समूह भी आ जुड़े, जो पाकिस्तान से भारत में आतंक का निर्यात बंद करने की मांग कर रहे थे। जिस समय शरीफ महासभा की आम बहस को संबोधित कर रहे थे उसी समय प्रदर्शनकारी वैश्विक संस्था के मुख्यालय के बाहर की समूची सड़क पर जमा हो गए थे और पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों एवं मानवाधिकार उल्लंघनों की निंदा कर रहे थे।
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लहराते हुए आजाद बलूचिस्तान, पाकिस्तान हाय हाय, पाकिस्तान के आतंक से दुनिया को बचाओ जैसे नारे लगाए। उनकी तख्तियों और बैनरों पर लिखा था- अमेरिकी सरकार पाकिस्तान को धन देना बंद करे, कश्मीरी हिंदू इंसान हैं, उनके दुखों की ओर देखो, पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र से हटाओ, पाक के कब्जे वाले कश्मीर में अत्याचार बंद करो और पाकिस्तान के हत्या के क्षेत्र-सिंध और बलूचिस्तान। अमेरिकन फ्रेंड्स ऑफ बलूचिस्तान नामक समूह के संस्थापक अहमार मुस्ती खान ने पीटीआई भाषा से कहा, पाकिस्तान एक आतंकी देश है और वह बलूचिस्तान के लोगों को शांति से नहीं रहने देना चाहता।
खान ने कहा कि पाकिस्तान और उसके नेता कश्मीर के निवासियों के खिलाफ अपराध कर रहे हैं। खान ने मांग उठाई कि पाकिस्तान को आतंक का निर्यात बंद करना चाहिए और अपने पड़ोसियों को शांति से रहने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व को बलूच लोगों के आत्म निर्णय के अधिकार का सम्मान करना चाहिए। खान ने कहा कि बलूच लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर्जदार हैं कि उन्होंने बलूचिस्तान के अधिकार और बलूच लोगों के खुद अपनी किस्मत का स्वामी होने के अधिकार की बात उठाई। मासूम बलूच लोगों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना की क्रूरताओं की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना दरअसल वर्दी में आईएसआईएस है।
बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) ने पाकिस्तान के अत्याचारों और सिंध एवं बलूचिस्तान में चल रहे सैन्य अभियानों की निंदा की है। कश्मीर के उरी कैंप और पठानकोट के वायुसैन्य अड्डे पर किए गए वहशी आतंकी हमले की निंदा करते हुए बीएनएम ने कहा कि ऐसे हमले पाकिस्तान द्वारा क्षेत्र में युद्ध की स्थिति को बढ़ाने के लिए अपनाई जाने वाली आक्रामकता, आतंकी तरीकों और संगठनों को तैनात करने की नीति का हिस्सा हैं।
इस समूह ने कहा कि बलूच लोग भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले समर्थन के प्रति आभारी हैं। उन्होंने एक ऐसे अहम समय पर समर्थन दिया है, जब हमारा देश पाकिस्तान के 1948 से किए गए अवैध सैन्य कब्जे से मुक्त होने के लिए संघर्ष कर रहा है। ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष जयेश पटेल ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ आतंकवाद पर रोक लगानी चाहिए। कश्मीर में हुए हमलों के कारण अनगिनत जानें जा चुकी हैं। इनमें से सबसे हालिया हमला उरी के सैन्य अड्डे पर हुआ है, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए हैं। उन्होंने कहा, सबसे अधिक पीड़ा हमारे सैनिकों के परिवार उठाते हैं।