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EMAIL प्रकरण से हिलेरी पर नहीं तय होंगे आरोप: लॉरेटा लिंच

हिलेरी क्लिंटन को राहत देते हुए अटॉर्नी जनरल लॉरेटा लिंच ने कहा है कि राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार पर इस बात को लेकर कोई आरोप तय नहीं किए जाएंगे कि उन्होंने विदेश मंत्री होने के दौरान निजी ईमेल सर्वर का इस्तेमाल करके नियमों का उल्लंघन किया।

India TV News Desk
Published : July 07, 2016 14:13 IST
Hillary Clinton- India TV Hindi
Image Source : PTI Hillary Clinton

वाशिंगटन: हिलेरी क्लिंटन को एक बड़ी राहत देते हुए अटॉर्नी जनरल लॉरेटा लिंच ने कहा है कि राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार पर इस बात को लेकर कोई आरोप तय नहीं किए जाएंगे कि उन्होंने विदेश मंत्री होने के दौरान निजी ईमेल सर्वर का इस्तेमाल करके नियमों का उल्लंघन किया। क्लिंटन के प्रचार अभियान को एक बड़ी राहत देते हुए लिंच ने बीते बुधवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने इस संदर्भ में संघीय जांच ब्यूरो की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।

उन्होंने कहा, गुरुवार दोपहर को मैंने एफबीआई निदेशक जेम्स कॉमे, अभियोजकों और मामले की जांच करने वाले एजेंटों से मुलाकात की। पूर्व विदेश मंत्री के खिलाफ दायर मामले को कानूनी तौर पर बंद करते हुए लिंच ने एक बयान में कहा, मुझे उनकी एकमत सिफारिश मिली और मैने यह स्वीकार कर ली। इसमें कहा गया कि एक साल तक चली पूर्ण जांच को बंद कर दिया जाना चाहिए और जांच के दायरे में आने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ आरोप तय नहीं किए जाने चाहिए।

हालांकि रिपब्लिकन पार्टी नवंबर में होने वाले आम चुनाव तक चलने वाले प्रचार में इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की योजना बना रही है। यह बात रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के अध्यक्ष आर प्रीबस और पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से जारी बयान में स्पष्ट हो गई। प्रीबस ने कहा, राष्ट्रपति ओबामा की अटॉर्नी जनरल का यह फैसला गोपनीय जानकारी से जुड़े उन कई अमेरिकियों के मुंह पर तमाचा है, जो नियमों के साथ चलते हैं और जिन्हें इससे छोटे अपराधों के लिए दंडित किया जाता रहा है।

उन्होंने कहा, अटॉर्नी जनरल द्वारा बिल क्लिंटन के साथ गुप्त बैठक किए जाने पर और हिलेरी के अभियान की ओर से लिंच के एटॉर्नी जनरल बने रहने की बात और कई दिन पहले ही आरोपों को तय न किए जाने की बात कही जाने को देखते हुए, बहुत से अमेरिकी लोगों को इस बात पर यकीन करने में मुश्किल हो रही होगी कि ओबामा के न्याय मंत्रालय ने निष्पक्ष और न्यायसंगत जांच की है। उन्होंने आरोप लगाया, जिन लोगों ने गोपनीय जानकारी का कुप्रबंधन किया है, उन्हें अपनी नौकरियां छोड़नी पड़ीं, जुर्माने भरने पड़े और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। फिर भी हिलेरी क्लिंटन को कुछ अलग ही नियमों के तहत चलने दिया जा रहा है।

एफबीआई को लिखे पत्र में, सीनेट की न्यायिक समिति के अध्यक्ष चक ग्रासले ने एफबीआई के फैसले पर और अधिक जानकारी मांगी। एक अन्य बयान में सीनेटर टिम स्कॉट ने कहा कि एफबीआई के निष्कर्ष इस बात को स्पष्ट करते हैं कि हिलेरी ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और गोपनीय जानकारी को जोखिम में डाला और उनका ईमेल संभवत: विदेशी संचालकों ने हैक भी किया था। उन्होंने कहा, हमने ऐसे कई लोगों के उदाहरण देखे हैं, जिन्होंने गोपनीय जानकारी को जोखिम में डाला है और उनके साथ ऐसा बर्ताव नहीं हुआ। यह दिखाता है कि यदि आपका अंतिम नाम क्लिंटन है तो आपके लिए अलग नियम हैं। अमेरिका इसका समर्थन नहीं करता।

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