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न्यूयॉर्क में बोले इमरान, 'आतंकवाद को इस्लाम से जोड़ने से बचना चाहिए'

इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिशों की आलोचना करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि 'खुद से इस तरह की धारणा बनाना खतरनाक है और इससे परहेज करना चाहिए'। 

Reported by: Bhasha
Published on: September 26, 2019 19:50 IST
Imran khan- India TV Hindi
Image Source : PTI Imran khan

न्यूयॉर्क: इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिशों की आलोचना करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि 'खुद से इस तरह की धारणा बनाना खतरनाक है और इससे परहेज करना चाहिए'। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि खान ने धर्म और मान्यता के आधार पर भेदभाव और हिंसा की बढ़ती घटनाओं को रेखांकित किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर बुधवार को ‘नफरती भाषणों का प्रतिकार’ विषय पर प्रधानमंत्री खान ने गोलमेज चर्चा में यह टिप्पणी की । ‘डॉन’ अखबार के मुताबिक, खान ने कहा कि अमेरिका पर 9/11 के हमले के पहले 75 प्रतिशत आत्मघाती हमले हिंदू तमिल टाइगर्स और जापानी आत्मघाती हमलावरों ने किए। जापानी आत्मघाती हमलावरों ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकी जहाजों पर हमले किए। लेकिन, किसी ने उनके धर्म पर दोष नहीं मढ़ा। 

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की सह मेजबानी वाले सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि धर्म का इससे कोई लेना देना नहीं है। किसी भी धर्म का आतंकवाद से कोई लेना देना नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तकरीबन सभी तरह के आतंकवाद राजनीति से जुड़े हैं। यह राजनीतिक रूप से कथित अन्याय है, जो हताश लोगों को पैदा करता है। लेकिन, अब हम कट्टरपंथी इस्लाम के बारे में सुनते रहते हैं। केवल एक ही इस्लाम है। पैगंबर मोहम्मद का इस्लाम, जिसका हम अनुसरण करते हैं। और कोई इस्लाम नहीं है। ’’ 

खान के बयान के कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खतरे से निर्दोष लोगों की रक्षा का संकल्प जताया था। उनके कार्यालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ने के प्रयासों को खारिज करते हुए कहा कि खुद से इस तरह की धारणा बनाना खतरनाक है और इससे परहेज करना चाहिए। ’’ अपने संबोधन में खान ने नफरत भरे भाषणों का प्रतिकार, इस्लाम को लेकर गलत धारणा को दूर करने के लिए प्रभावी उपायों पर जोर देते हुए कहा कि दोनों चुनौतियों का समाधान करने की जरूरत है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी समुदाय के हाशिए पर जाने से कट्टरता बढ़ सकती है। प्रधानमंत्री ने दुनिया में विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समझ और सद्भाव बढाने की जरूरत को भी रेखांकित किया । तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने घृणा भाषण को इंसानियत के खिलाफ सबसे जघन्य अपराध बताया और कहा कि दुनिया में मुस्लिम नफरती भाषणों के सबसे आसान शिकार होते हैं। 

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