वाशिंगटन: पाकिस्तान में शरणार्थयिों के लिए आवाज उठाने का दावा करने वाले एक समूह ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को पाकिस्तान में मौजूद आतंकवाद के पनाहगाहों को खत्म करने के लिए हर संभव तरीके का इस्तेमाल करना चाहिए। समूह का कहना है कि इन पनाहगाहों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का सहयोग प्राप्त है। वर्ल्ड मुहाजिर कांग्रेस ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों को सौंपे गए एक ज्ञापन ने अनुरोध किया है कि वे पाकिस्तान में अपने सच्चे और स्वाभाविक सहयोगियों की मदद के लिए हरसंभव साधन का इस्तेमाल करें। यह ज्ञापन कल कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान जमा करवाया गया। मुहाजिर अरबी मूल का एक शब्द है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान में विभिन्न नृजातीय मूलों वाले मुस्लिम प्रवासियों और उनके उन वंशजों के लिए किया जाता है, जो बंटवारे के बाद भारत से यहां आए। (ट्रंप ने सीरिया में कड़ी कार्रवाई नहीं करने को लेकर ओबामा पर साधा निशाना)
डब्ल्यूएमसी के अनुसार, लगभग पांच करोड़ मुहाजिर कराची, हैदराबाद और सिंध प्रांत के अन्य शहरी इलाकों में रहते हैं। ज्ञापन में कहा गया कि पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान इस देश को व्यवस्थागत तरीके से धार्मिक रूप से प्रेरित जिहादियों के लिए शरणस्थली में तब्दील करता रहा है। इसमें कहा गया, वहीं पाकिस्तान में सभी धर्मनिरपेक्ष, शिक्षित और लोकतंत्र प्रेमी बलों को मिटाया जा रहा है। धर्मनिरपेक्ष और उर्दू बोलने वाले पश्चिमोन्मुखी मुहाजिर और बलूच लोग पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान के मुख्य निशाने पर हैं।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान के उत्तरपश्चिमी कबायली इलाकों को आईएसआई जिहादी शरणस्थलियों के रूप में तब्दील कर रही है। इन इलाकों में हक्कानी नेटवर्क समेत कई आतंकी संगठनों ने अपने गढ़ बना लिए हैं। अमेरिका अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों पर हमले के लिए हक्कानी नेटवर्क को दोषी ठहराता है। वह इस आतंकी समूह को काबू में लाने के लिए कई बार पाकिस्तान से मदद मांग चुका है। डब्ल्यूएमसी ने ट्रंप प्रशासन से अपील की है कि अमेरिकी कांग्रेस पाकिस्तान में आतंकियों के पनाहगाह को मिटाने के लिए हर संभव साधन का इस्तेमाल करे।