वॉशिंगटन: ब्रह्मांड का एक क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड) आने वाले समय में धरती के लिए मुसीबत साबित हो सकता है। इस क्षुद्रग्रह को 2000 QW7 नाम दिया गया है, जो तेज गति से धरती की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, यह धरती से टकरा सकता है या नहीं इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है लेकिन अगर यह धरती से टकरा जाता है तो पूरी दुनिया में भारी तबाही का कारण बन सकता है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के मुताबिक, यह एस्टेरॉयड सिडनी हार्बर ब्रिज की लंबाई के बराबर का है और पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। 23,100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से यह एस्टेरॉयड 14 सितंबर को लगभग 5.3 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर पृथ्वी के पास से गुजरेगा। 2000 QW7 एस्टेरॉयड, धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी से करीब 13.87 गुना ज्यादा दूरी से गुजरेगा।
अगर एस्टेरॉयड धरती से 149.6 मिलियन किलोमीटर के दायरे से गुजरता है तो उसे पृथ्वी के निकट माना जाता है। आखिरी बार साल 2000 में 1 सितंबर को यह एस्टेरॉयड धरती के संपर्क में आया था। वहीं, इससे अलग एक दूसरा छोटा एस्टेरॉयड QV89 साल 2006 में 27 सितंबर को धरती के करीब से गुजरने वाला था ऐसा नहीं हुआ। उसे फिर कभी नहीं देखा गया।
बता दें कि ब्रह्मांड में बहुत से उल्कापिंड, धूमकेतु और क्षुद्रग्रह मौजूद हैं और यह किसी भी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण के दायरे में आने ने पर उससे टकराकर खत्म हो जाते हैं। अगर ऐसा कभी धरती के साथ होता है तो यह एक बड़ी तबाही का कारण बन सकता है। 1908 में एक बार ऐसा हो चुका है। साइबेरिया के टुंगुस्का में एक क्षुद्रग्रह धरती से टकराने से पहले जलकर नष्ट हो गया था। इसकी वजह से क़रीब 100 मीटर बड़ा आग का गोला बना, जिसकी वजह से करीब आठ करोड़ पेड़-पौधे नष्ट हो गए थे।