न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चेतावनी दी है कि वर्ष 2030 के लिए तय किए गए 17 सतत विकास लक्ष्यों में से एशिया प्रशांत क्षेत्र महज एक लक्ष्य को ही हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि 2030 के विकास एजेंडे को हासिल करने की वैश्विक सफलता काफी हद तक भारत के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। आपको बता दें कि सतत विकास लक्ष्यों के अंतर्गत 2030 तक पूरी दुनिया के लोगों के जीवन को सुधारने का संकल्प लिया गया है।
गरीबी दूर करने, धरती को बचाने, स्वास्थ्य व शिक्षा की स्थिति को सुधारने तथा 2030 तक सभी के लिए शांति और संपन्नता के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने एक वैश्विक आह्वान किया था जिन्हें सतत विकास लक्ष्य या वैश्विक लक्ष्य कहा गया। एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग (UN-ESCAP) के उपकार्यकारी सचिव कावेह जाहिदी ने बताया,‘एशिया प्रशांत क्षेत्र में वैश्विक शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है लेकिन यह काफी नहीं है।’
जाहिदी बीते सप्ताह सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के संबंध में उच्च स्तरीय पॉलिटिकल फोरम (HLPF) की बैठक में भाग लेने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय आए थे। इस बैठक में कुछ लक्ष्यों में हुई प्रगति की समीक्षा होनी थी। दुनिया भर के देश विकास लक्ष्यों के आधार पर विकास कार्यक्रमों को लागू करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि सतत विकास लक्ष्यों की सफलता का बड़ा हिस्सा भारत में इनकी सफलता पर निर्भर करता है।