वाशिंगटन: ओरलैंडो में हुए जनसंहार के बाद अमेरिका में शस्त्र नियंत्रण के प्रयासों को करारा झटका लगा है। अमेरिकी सीनेट में शस्त्र नियंत्रण के प्रस्ताव गिर गए हैं। इनमें एक प्रस्ताव यह भी था कि किसी एक व्यक्ति को बंदूक बेचे जाने से पहले उसकी पृष्ठभूमि की जांच को व्यापक बनाया जाए। सदन में चार संशोधन लाए गए। इनमें से दो डेमोक्रेटिक थे और दो रिपब्लिकन। इनपर मतदान हुआ। चारों ही प्रस्ताव सीनेट में आगे बढ़ाए जाने के लिए जरूरी न्यूनतम 60 वोट हासिल करने की अनिवार्यता को पूरा नहीं कर पाए।
इन संशोधनों को पिछले सप्ताह सीनेटर क्रिस मर्फी के 15 घंटे के लंबे भाषण के बाद गति मिली थी। इस भाषण में उन्होंने फ्लोरिडा के समलैंगिक क्लब पर हुए हमले मंे 49 लोगों के मारे जाने की पृष्ठभूमि में सामान्य समझ के तहत शस्त्र नियंत्रण के लिए जोर दिया था। मर्फी के संशोधन में बंदूक खरीदने वाले व्यक्ति की पृष्ठभूमि की जांच को विस्तार देने की बात कही गई थी। हालांकि यह प्रस्ताव प्रक्रिया संबंधी बाधा पार नहीं कर सका। इसके पक्ष में सिर्फ 44 और विपक्ष में 56 वोट पड़े।
रिपब्लिकन प्रस्ताव ने पृष्ठभूमि जांच तंत्र के लिए वित्तीय कोष बढ़ाने की बात कही थी लेकिन यह प्रयास भी विफल हो गया। इसके अलावा वह रिपब्लिकन प्रस्ताव भी गिर गया, जिसमें कहा गया था कि आतंकी वॉचलिस्ट या नो फ्लाई सूची में शामिल लोगों को बंदूक बेचने से पहले 72 घंटे की देरी करने का अधिकार अदालती आदेशों को दिया जाना चाहिए ताकि अधिकारी इन भावी खरीददारों की जांच कर सकें। सदन में गिरने वाला चौथा प्रस्ताव डेमोक्रेट डी फीनस्टीन का था। यह प्रस्ताव पारित हुआ होता तो नो फ्लाई आतंकी निरीक्षण सूचियों में दर्ज लोगों को बंदूकें न बेची जाती।