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नई स्टडी में खुलासा, 6 महीने में ही फाइजर वैक्सीन का असर हो रहा खत्म

केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड कैनेडे ने कहा कि वैक्सीनेशन के छह महीने बाद, इन नर्सिंग होम के 70 प्रतिशत निवासियों के रक्त में प्रयोगशाला प्रयोगों में कोरोना वायरस संक्रमण को बेअसर करने की क्षमता बहुत कम थी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : September 06, 2021 16:58 IST
Antibodies decrease by more than 80% six months after second shot of Pfizer vaccine: US study
Image Source : AP एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि फाइजर वैक्सीन लगाने के बाद कोविड-19 एंटीबॉडी छह महीने बाद ही 80 प्रतिशत से अधिक कम जाती है।

वाशिंगटन: एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि फाइजर वैक्सीन लगाने के बाद कोविड-19 एंटीबॉडी छह महीने बाद ही 80 प्रतिशत से अधिक कम हो जाती है। यह बात अमेरिकी अध्ययन में सामने आई है। अमेरिका में केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी और ब्राउन यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में नर्सिंग होम के 120 निवासियों और 92 स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों के रक्त के नमूनों का अध्ययन किया गया। अध्ययनकर्ताओं ने विशेष रूप से ह्यूमोरलर इम्युनिटी को देखा जिसे एंटीबॉडी-मध्यस्थता प्रतिरक्षा भी कहा जाता है ताकि सार्स-सीओवी-2 वायरस के खिलाफ शरीर की सुरक्षा को मापा जा सके जिससे कोविड-19 होता है। 

अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुआ है और इसे प्रीप्रिंट सर्वर ‘मेडआर्काइव’ पर पोस्ट किया गया है। अध्ययन के अनुसार इससे पता चला कि छह महीने के बाद व्यक्तियों के एंटीबॉडी का स्तर 80 प्रतिशत से अधिक कम हो गया। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, 76 वर्ष की औसत आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों और 48 वर्ष की औसत आयु वाले देखभाल करने वालों में परिणाम समान थे। 

केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड कैनेडे ने कहा कि वैक्सीनेशन के छह महीने बाद, इन नर्सिंग होम के 70 प्रतिशत निवासियों के रक्त में प्रयोगशाला प्रयोगों में कोरोना वायरस संक्रमण को बेअसर करने की क्षमता बहुत कम थी। कैनेडे ने कहा कि परिणाम रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की बूस्टर डोज लेने की सिफारिश का समर्थन करते हैं, विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए।

इस बीच फाइजर इंक ने कहा है कि उसे मिड से लेकर लेट स्टेज के उन कोरोना मरीजों पर कोविड-19 की ओरल एंटीवायरल थेरेपी की डोज का ट्रायल शुरू कर दिया है जो अस्पताल में भर्ती नहीं है। कंपनी और उसके अन्य प्रतिद्वंदी ऐसी एंटवायरल दवा बनाने की होड़ में लगे हैं जो बीमारी के लक्षण होने पर ली जा सके। फाइजर इंक के अलावा इस दौड़ में शामिल अन्य कंपनियों में यूएस बेस्ड मर्क एंड इंक के साथ स्विस फार्मा कंपनी रोश होल्डिंग एजी हैं।

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