नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने दुनियाभर में आतंक मचा रखा है जिससे बचने के लिए कई लोग एंटीबायोटक दवाइयों का इस्तेमाल करने लगे हैं लेकिन शायद आपको पता नहीं है कि अत्यधिक एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से आप एक गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि ज्यादा एंटीबायोटिक्स लेने से गोनोरिया के मामले बढ़ने का खतरा काफी बढ़ गया है। एक शोध में पाया गया है कि सांस की समस्या के लिए दी जाने वाली एजिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है, जो एक आम एंटीबायोटिक है।
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, जरूरत से ज्यादा इन दवाओं पर निर्भर होने की वजह से सुपर गोनोरिया के मामलों के बढ़ने का खतरा काफी ज्यादा पैदा हो गया है। ब्रिटेन की दवा कंपनी बायोटासफेरिक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी केविन कॉक्स ने ‘द सन’ को बताया कि इस तरह के चलन से यह बीमारी लाइलाज हो सकती है।
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क्या है गोनोरिया
यह बीमारी नीसीरिया गोनोरिया नाम के एक बैक्टीरिया से होती है। असुरक्षित यौन संबंध, ओरल सेक्स और अप्राकृतिक सेक्स की वजह से यह संक्रमण फैलता है लेकिन परेशानी की बात यह है कि इस बीमारी को ठीक करने के लिए दी जाने वाली एंटीबायोटिक्स तेजी से बेअसर होती जा रही है।
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बता दें कि सुपर गोनोरिया से दुनियाभर में 9 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा मामले अफ्रीका ऐर यूरोप से आए हैं। WHO के मुताबिक साल 2017 से 2018 के बीच 22 फीसदी मामलों में तेजी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में इसमें ऐर तेजी देखने को मिल सकती है।