वाशिंगटन: अमेरिका की सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी ने रूसी जासूसी मामले की जांच की यह कहते हुये घोषणा की कि वर्ष 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में मॉस्को के हस्तक्षेप को लेकर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट ने गहरी चिंता उत्पन्न कर दी है। जांच को डेमोक्रेट और रिपब्लिकन का समर्थन प्राप्त है। बराक ओबामा के प्रशासन और डोनाल्ड ट्रंप की आने वाली सरकार के अधिकारियों को जांच के दौरान गवाही देनी पड़ेगी।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने आरोप लगाया था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप को लाभ तथा उनकी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को नुकसान पहुंचाने के लिए राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए गुप्त हस्तक्षेप का आदेश दिया था।
राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने 6 जनवरी को रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कहा गया था कि रूस ने क्लिंटन के लिए परेशानी खड़ी करने वाली फाइलें जारी करने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के कंप्यूटर और खातों को हैक किया था। इसके साथ-साथ रूस ने समान उद्देश्य के साथ मीडिया को प्रभावित करने के लिए एक अभियान भी चलाया।
इस बीच, इस सप्ताह ब्रिटेन की एमआई 6 खुफिया एजेंसी के पूर्व एजेंट द्वारा संकलित की गई एक अप्रमाणित फाइल में ट्रंप अभियान और रूस सरकार के बीच घनिष्ठ सबंध होने का आरोप लगाया गया तथा कहा गया कि वेश्याओं के साथ ट्रंप का एक सनसनीखेज वीडियो मॉस्को के पास है।